Mann Ki Baat Highlights: पीएम मोदी ने किया ‘पेरिस ओलंपिक’, ‘ड्रग्स फ्री इंडिया’ और ‘हर घर तिरंगा’ का जिक्र, पढ़िए बड़ी बातें


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर महीने के आखिरी रविवार को मन की बात कार्यक्रम को संबोधित करते हैं। पीएम मोदी ने रविवार को अपने संबोधन में असम के चराइदेव मोईदाम को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किए जाने का जिक्र भी किया। लिस्ट में यह भारत की 43वीं, लेकिन नॉर्थ ईस्ट की पहली साइट होगी।

नई दिल्ली (Mann ki Baat July 28, 2024) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो प्रोग्राम मन की बात को संबोधित किया। यह मन की बात का 112वां एपिसोड रहा। केंद्र में तीसरी बार सरकार बनने के बाद यह दूसरा मौका है, जब पीएम मोदी मन की बात को संबोधित कर रहे हैं।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान ड्रग्स के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का भी जिक्र किया। उन्होंने भारत सरकार के प्लेटफॉर्म MANAS के बारे में बताया।

पीएम मोदी ने कहा, पिछले मन की बात कार्यक्रम में आपसे ‘एक पेड़ मां के नाम’ कार्यक्रम की चर्चा की थी। मुझे खुशी है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में बड़ी संख्या में लोग इस अभियान से जुड़ रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले स्वच्छता के लिए प्रसिद्ध इंदौर में एक शानदार कार्यक्रम हुआ। यहां ‘एक पेड़ माँ के नाम’ कार्यक्रम के दौरान एक ही दिन में 2 लाख से ज्यादा पौधे लगाए गए।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत पेरिस ओलंपिक से की। इस समय पूरी दुनिया में पेरिस ओलंपिक छाया हुआ है। ओलंपिक हमारे खिलाड़ियों को विश्व पटल पर तिरंगा लहराने का मौका देता है, देश के लिए कुछ कर गुजरने का मौका देता है। आप भी अपने खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाएं, Cheer For Bharat. पीएम मोदी ने मैथ्स ओलंपियाड के विजेताओं को बधाई दी और संवाद भी किया।

पीएम मोदी ने कहा, ‘हथकरघा उद्योग से जुड़ी ये महिलाएं पहले छोटी-छोटी दुकानें और छोटे-मोटे काम कर गुजारा करती थी | लेकिन हर किसी में आगे बढ़ने की इच्छा तो होती ही होती है | इन्होंने ‘UNNATI Self Help Group’ से जुड़ने का फैसला किया, और इस ग्रुप से जुड़कर, उन्होंने ब्लॉक प्रिंटिंग और रंगाई में ट्रेनिंग हासिल की।’

पीएम मोदी ने कहा, ‘असम के चराईदेउ मैदाम को UNESCO World Heritage Site में शामिल किया जा रहा है। इस लिस्ट में यह भारत की 43वीं, लेकिन Northeast की पहली साइट होगी। चराईदेउ अहोम राजवंश की पहली राजधानी थी। अहोम राजवंश के लोग अपने पूर्वजों के शव और उनकी कीमती चीजों को पारंपरिक रूप से मैदाम में रखते थे।’

 


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