बिलासपुर। टीएस सिंहदेव को उप मुख्यमंत्री के पद से नवाजे जाने के बाद से भाजपा की राजनीति आक्रमक हो गई है। भाजपा के नेता इसे सिंहदेव का अपमान बता रहे हैं। भाजपा की तरफ से किए जा रहे सियासी हमले का अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव व पीसीसी प्रभारी कुमारी शैलजा ने सधे शब्दों में उसी अंदाज में जवाब दिया। पीसीसी प्रभारी ने उप मुख्यमंत्री सिंहदेव का राजनीतिक कद बढ़ाते हुए कहा कि वे पार्टी के बड़े नेता हैं। भाजपाई क्या कहते हैं क्या सोचते हैं इससे पार्टी को कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है।
पीसीसी प्रभारी शैलजा बूथ जोड़ो अभियान के तहत गुरुवार को बिलासपुर पहुंची। शुक्रवार को होटल कोर्टयार्ड मेरियट में पत्रकारों से चर्चा कर रही थी। उन्होंने पीएम मोदी का नाम लिए बगैर कहा कि हमारी पार्टी जुमलेबाजी पर विश्वास नहीं नहीं करती और भराेसा भी नहीं करती है। हमने पिछले विधानसभा चुनाव में जो वादा किया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उससे कहीं ज्यादा काम किया है। हम पिछली विधानसभा चुनाव से ज्यादा सीट हासिल कर सरकार बनाएंगे।
पीसीसी प्रभारी ने कहा कि मणिपुर जल रहा था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका में इवेंट कर रहे थे । शैलजा ने दोहराया कि दो करोड़ प्रतिवर्ष रोजगार देने का वादा करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कितनों को रोजगार दिया। देश की जनता और युवाओं को इस सवाल का जवाब देना चाहिए। शैलजा ने प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी की रीति नीति पर जमकर चोट किया । उन्होंने प्रधानमंत्री को इवेंट नेता भी कहा।
पीएम मोदी पर हमलावर रुख अख्तियार करते हुए कहा कि हम जुमलेबाजी नहीं करते और ना ही झूठ की राजनीति करते हैं । हमारी पार्टी ने पिछले विधानसभा में जो भी वादा किया उसे पूरा निभाया है । हम आंकड़ों पर ध्यान नहीं देते । आंकड़ेबाजीका खेल मीडिया का खेल है। लेकिन इतना निश्चित है कि हम अपने काम के आधार पर दोबारा सरकार बनाने जा रहे हैं। राष्ट्रीय मुद्दे पर चर्चा करते हुए कहा कि हम मणिपुर जैसे घटनाक्रम पर राजनीति नहीं करते। लेकिन प्रधानमंत्री रक्षा मंत्री और गृह मंत्री को मणिपुर घटनाक्रम को गंभीरता से लेना चाहिए था। उन्होंने बिल्कुल गंभीरता से नहीं लिया। प्रधानमंत्री अपने भाषणों में बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। मरहम लगाने की बातें करते हैं। लेकिन मणिपुर में हादसे के शिकार किसी को भी उन्होंने मरहम लगाने का एक शब्द भी नहीं बोला है। यदि हमें राजनीति करनी ही होती तो घटना के दूसरे दिन ही मणिपुर पहुंच जाते । राहुल गांधी को इंफाल में रोका गया । उन्होंने पीड़ितों का आंसू पोछने के लिए भरसक प्रयास किया । लेकिन उन्हें रोक दिया गया है । ऐसा नहीं किया जाना चाहिए ।