नई दिल्ली। इंडो गंगेटिक प्लेन यानी भारत-गंगा के मैदानी क्षेत्रों में वायु प्रदूषण केवल दिल्ली ही नहीं, चंडीगढ़, लखनऊ और पटना में भी बढ़ रहा है। राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) ट्रैकर के एक विश्लेषण के अनुसार इस साल अक्टूबर में पीएम 2.5 का औसत स्तर दिल्ली, चंडीगढ़, लखनऊ और पटना में 2021 की तुलना में कहीं अधिक था। यह विश्लेषण शुक्रवार शाम जारी किया गया।
इसके अनुसार पिछले पांच वर्षों में मानसून की देरी से वापसी और तुलनात्मक रूप से साफ-सुथरी दीवाली के बावजूद अक्टूबर 2022 में पीएम 2.5 का स्तर अक्टूबर 2021 के स्तर को पार कर गया। बरसात के कारण इस साल पराली जलाने के मामले भी देर से शुरू हुए।
विश्लेषण के मुताबिक “दिल्ली और पटना में अक्टूबर 2022 में पीएम 2.5 का स्तर सीपीसीबी की 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर की दैनिक सुरक्षित सीमा से ऊपर रहा। दिल्ली ने अक्टूबर में 2021 के 74.88 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के विपरीत 105 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर का औसत पीएम 2.5 दर्ज किया।
विश्लेषण के लिए चुने गए पांच राजधानी शहरों में से, पटना का पीएम 2.5 स्तर 2021 के 45.25 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर की तुलना में 67 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रिकार्ड हुआ। केवल एक कोलकाता था जिसने 2021 की तुलना में अपने पीएम 2.5 के स्तर को कम देखा।