Lohri 2023: लोहड़ी का त्योहार देश भर में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। इसके लिए पंजाबी समाज ने विशेष तैयारी की। गुरुवार से ही बाजार गुलजार रहे। गुड़ की पट्टी, रेवड़ी, मूंगफली आदि खाद्य पदार्थों की जबरदस्त बिक्री हुआ। माना जाता है कि लोहड़ी का पर्व फसल कटाई की खुशी में मनाया जाता है। इस दौरान अलाव जलाया जाता है। उसमें गेंहू की बालियां चढ़ाई जाती है। इस मौके पर लोग भांगड़ा करते हैं। इस दौरान ‘दूल्हा भट्टी वाला’ की बोलियां गाई जाती है। अग्नि देवता को प्रसन्न करने के लिए अलाव में गुड़, मक्का, तिलक और खील अर्पित की जाती है।
क्या है लोहड़ी शब्द का अर्थ?
लोहड़ी शब्द में ‘ल’ का अर्थ ‘लकड़ी’, ‘ओह’ का अर्थ ‘जलते हुए सूखे उपले’ और ‘ड़ी’ का मतलब ‘रेवड़ी’ है। इसलिए इस त्योहार को लोहड़ी कहा जाता है। इस पर्व के बाद मौसम में बदलाव होने लगता है।
लोहड़ी पर्व की मान्यता
लोहड़ी पर्व को लेकर यह मान्यता है कि यह त्यौहार सूर्य देव और अग्नि देव को समर्पित होता है. इस त्योहार पर जलने वाली अग्नि में जो गुड़, रेवड़ी, मूंगफली आदि अर्पित किया जाता है ऐसी मान्यता है कि वह देवी देवताओं का भोग होता है जो अग्नि के माध्यम से वह ग्रहण करते हैं. अग्नि पूजा के बाद लोग एक दूसरे को बधाई देते हैं और साथ में सेलिब्रेट करते हैं. आमतौर पर लोहड़ी का त्यौहार हर साल 13 जनवरी को मनाया जाता है लेकिन इस बार ग्रहों मैं बदलाव होने के कारण इसकी तारीख बदल गई है.