Makar Sankranti 2023: इन योगों में यदि शुभ कार्य, दान, पुण्य, तीर्थ यात्रा, भागवत महापुराण आदि किया जाए तो किस्मत के बंद दरवाजे खुल जाएंगे।
डेस्क, मकर संक्रांति का पर्व इस बार कई शुभ-मुहूर्तों के बीच मनाया जाएगा। शनिवार रात में सुकर्मा योग के बीच मकर संक्रांति शुरू हो जाएगी जो रविवार को दोपहर तक रहेगी। इस दौरान नदियों में स्नान करने के लिए कई श्रद्धालु बरमान एवं भेड़ाघाट रवाना होंगे और यहां डुबकी लगाकर तिल व गुड़ का दान करेंगे। ज्योतिषाचार्य पं. रामगोविंद शास्त्री का कहना है कि रात 3:20 बजे सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करेगा और अगले दिन यानी रविवार को दिनभर मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। इस दौरान चित्रा नक्षत्र, शश योग व सुकर्मा योग बनेंगे। इन शुभ योग से कई लोगों की किस्मत चमक जाएगी, यानी कई राशि वाले लोगों को इसका लाभ मिलेगा। इन योगों में यदि शुभ कार्य, दान, पुण्य, तीर्थ यात्रा, भागवत महापुराण आदि किया जाए तो किस्मत के बंद दरवाजे भी खुल सकते हैं।
धर्मसिंधु और निर्णय सिंधु में जिक्र
त्योहारों की तिथि तय करने वाले ग्रंथ धर्मसिंधु और निर्णय सिंधु में भी इस बात का जिक्र है कि अस्त होने के बाद सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तो अगले दिन पर्व मनाते हुए स्नान-दान और सूर्य पूजा करनी चाहिए। इस साल ऐसी ही स्थिति बन रही है।सिंह को मिलेगा लाभ, मीन को मिलेगा कष्टमकर संक्रांति का फल अलग-अलग राशि के जातकों को अलग-अलग मिलेगा।
राशियों पर यह होगा असर
पं. शास्त्री के अनुसार मेष राशि को सम्मान, वृष को भय और मिथुन को ज्ञान वृद्धि, कर्क को कलह, सिंह को लाभ, कन्या को संतोष, तुला को धन लाभ, वृश्चिक को हानि, धनु को लाभ, मकर को इष्ट सिद्धि, कुंभ को धनलाभ और मीन को कष्ट होगा। इस दौरान संक्रांति तिल का दान, भोजन, तिल का उपटन लगाना शुभ होगा। मांगलिक कार्यों की होगी शुरुआत ज्योतिषाचार्य पं. शास्त्री का कहना है कि इस बार सूर्य देव 14 जनवरी की देर रात मकर संक्रांति का पर्व शुरू होने से शादी, विवाह, जनेउ संस्कार, गृह प्रवेश सहित कई मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाएगी। 15 जनवरी को मकर संक्रांति के पुण्य काल के दौरान सुकर्मा और पद्म नाम के शुभ योग रहेंगे। वहीं, सूर्य का दिन यानी रविवार भी होगा।