भाजपा जहां राजनीतिक रूप से सीधा मुकाबला नहीं कर पाती, वहां ईडी, सीबीआइ, आइटी को आगे कर अपना राजनीतिक मंतव्य साधने का प्रयास करती है।
रायपुर। इसी वर्ष नवंबर दिसंबर में प्रस्तावित छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर नेताओं की जुबानी जंग तेज हो गई है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने टिकट को लेकर भाजपा पर निशाना साधा। मुख्यमंत्री ने कहा कि दो दिन पहले ही कह दिया गया था कि भाजपा के सारे बड़े नेता, जितने 14 विधायक बचे हैं, उनको भी टिकट मिलने वाली नहीं है। ये लोग लोकसभा में सबका टिकट काटकर देख लिए। अभी गुजरात में सबका टिकट काट दिए। विधानसभा में सबकी टिकट कटने वाली है तो कैसे अपने आप को बचाएं, इस कवायद में लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने भाजपा नेताओं के दिल्ली दौरे को लेकर पूछे गए प्रश्न पर पत्रकारों से कहा कि सभी टिकट बचाने की कवायद में है। इधर, भाजपा के विधायकों ने भी मुख्यमंत्री बघेल के बयान को लेकर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भाजपा का कहना है कि मुख्यमंत्री बेवजह की टीका टिप्पणी में समय जाया करेंगे, तो काम कौन करेगा। मुख्यमंत्री बघेल अपनी पार्टी की चिंता करें। भाजपा के विधायकों की टिकट वह नहीं, भाजपा का शीर्ष नेतृत्व तय करेगा। दरअसल, मुख्यमंत्री ने भाजपा की आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर तंज कसा था। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के प्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बदल दिए गए हैैं, लेकिन पार्टी कुछ कर नहीं पा रही है। यही कारण है कि ईडी के सहारे प्रदेश की राजनीतिक फिजां को खराब करने की साजिश रची जा रही है।