नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी रायपुर के पूर्व मेयर एजाज ढेबर के भाई व्यवसायी अनवर ढेबर और अरविंद सिंह को सुनवाई में देरी के आधार पर जमानत दे दी। यह फैसला न्यायमूर्ति अभय ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुयान की पीठ ने दिया है।
प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज ECIR के आधार पर अनवर ढेबर को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की ओर से यह दलील दी गई कि मामले में लगातार देरी हो रही है और अभियोजन की ओर से अभी तक कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है। इस आधार पर न्यायालय ने अनवर ढेबर को जमानत प्रदान की।
बता दें कि, इससे पहले छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले के आरोपी अनवर ढेबर की अंतरिम जमानत के खिलाफ दायर चुनौती याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने 29 नवम्बर 2024 को खारिज कर दी थी। मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर अनवर ढेबर को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई थी लेकिन छत्तीसगढ़ पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में उसे चेलेंज किया था।
यह है शराब घोटाला
छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान हुए दो हजार करोड़ रुपए से अधिक के इस घोटाला का खुलासा ईडी ने किया था। ईडी के पत्र के आधार पर ईओडब्ल्यू मामला दर्ज करके जांच कर रही है। ईडी ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में आईएएस अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी अरुणपति त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था। 2019 से 2022 तक सरकारी शराब दुकानों से अवैध शराब डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेची गई। इससे शासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है।