बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में खरबूजा-तरबूज की फसल में रोग लग जाने के कारण खराब हो गई है। किसानों की लाखों रुपए के बीज की लागत ने कमर तोड़ कर रख दिया है। जिले के कई क्षेत्रों में सैकड़ो किसानों बड़े पैमाने पर तरबूज-खरबूजा की फसल का उत्पादन करते है। खेतों में फसल तैयार होने से पहले ही पौधों में रोग लग गया है। किसान बाजार में बिकने वाले घटिया बीज बीचने का आरोप लगा रहे है।
मिली जानकारी के अनुसार, जिले के किसान इस कदर परेशान है कि उनके सामने फसल बर्बाद हो रही है और वो कुछ नहीं कर पा रहे है। वहीं, फसल के नुकसान के बावजूद भी कृषि विभाग के अधिकारी कुंभकर्णी नींद में सो रहे है। उनकी सुध लेने एवं आर्थिक नुकसान को देखने वाला कोई नहीं है। एक ही झटके में सैकड़ो किसान बर्बादी की कगार पर पहुंच गए है।
जिले के सिरौलीगौसपुर तहसील के किसान सुरेन्द्र वर्मा और श्रवण शर्मा ने बताया कि इस क्षेत्र में लगभग 500 एकड़ तरबूज-खरबूजा की फसल होती है और सभी क्षेत्र में फसल में रोग लग जाने की वजह से खराब हो गई है। कृषि विभाग के अधिकारियों को सूचना देने के बावजूद भी कोई सुध लेने नहीं आ रहा है। किसानों की खरबूजा और तरबूज की फसल बड़े संकट में है। बताया जा रहा है कि फसल में फ्यूजेरियम विल्ट नामक वायरस का प्रकोप फैल गया है। इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है।
वहीं, स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बाराबंकी के सांसद तनुज पुनिया ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने फसल का व्यापक सर्वे कराने और प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की मांग की है। इस साल प्राकृतिक आपदाओं की दोहरी मार से किसान परेशान हैं। एक तरफ लाइलाज बीमारी और दूसरी तरफ मौसम की मार ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है।