रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में तीन बांग्लादेशी नागरिक कई वर्षों से फर्जी कागजात के जरिए रायपुर में रह रहे थे। जिन्हें छत्तीसगढ़ ATS ने आरोपियों को मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने मोहम्मद स्माइल, शेख अकबर और शेख साजन को गिरफ्तार किया है। इन तीनों ने फर्जी अंक सूची के आधार पर रायपुर के पते से पासपोर्ट बनवा लिया था। एटीएस ने ट्रांजिट रिमांड पर कुछ देर पहले तीनों को लेकर रायपुर पहुंची है। ये तीनों कबाड़ का काम करते थे और टिकरापारा के छत्तीसगढ़ नगर में निवासरत थे। UCC लागू होने के बाद ये तीनों इराक जाने की फिराक में थे। रायपुर पुलिस ने तीनों को कोर्ट में पेश किया। अब तीनों आरोपी 3 दिन की पुलिस रिमांड पर रहेंगे।
दरअसल, तीनों आरोपी फर्जी दस्तावेज बनवाकर 26 जनवरी 2025 को बगदाद (इराक) जाने के लिए हावड़ा मुंबई मेल ट्रेन से मुंबई पहुंचे। इन्हें एटीएस छत्तीसगढ़ रायपुर की टीम ने मुंबई एटीएस नागपाड़ा यूनिट की मदद से पायधुनी इलाके से पकड़ा है।
इनके पास से भारतीय पासपोर्ट, आधार कार्ड, पेन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड के साथ ही बगदाद का वीजा बरामद किया गया है। संदिग्धों ने पूछताछ के दौरान बताया कि, वे तीनों जियारत के बहाने बगदाद में छिपकर रुकने वाले थे। वापस भारत नहीं आने वाले थे।
रायपुर में रहने के दौरान तीनों भाइयों ने भारतीय दस्तावेज आधार कार्ड, पेन कार्ड और वोटर आईडी बनवाया। यूसीसी लागू होने और भारत में पकड़े जाने के डर से जन्मतिथि के प्रमाण पत्र के लिए फर्जी मार्कशीट सत्कार कम्प्यूटर के संचालक मोहम्मद आरिफ के माध्यम से बनवाया था।
उन्होंने पुलिस को बताया कि, इससे पहले भी कई लोगों को इसी तरह सत्कार कंप्यूटर के संचालक मोहम्मद आरिफ की मदद से फर्जी दस्तावेज बनवाकर इराक भेजा जा चुका है, जो वापस नहीं आए हैं।
मोहम्मद आरिफ और शेख अली संगठित रैकेट बनाकर फर्जी दस्तावेज बनाते हैं। लोगों को देश के बाहर भेजते हैं। संदिग्धों की अन्य अवैधानिक गतिविधियों के संबंध में जांच की जा रही है। बताया जा रहा है कि, आरोपियों के पिता शमसुद्दीन, मां रशीदा, भाई अजगर, बहन सुरैया, इस्माइल की पत्नी यास्मीन और 2 बेटियां अभी बांग्लादेश में रह रहे हैं।