रायपुर। Raipur News गोबर, गोठान के बाद अब छत्तीसगढ़ सरकार गोवंश की रक्षा के लिए मोबाइल वैन चलाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए गोठानों में मुहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर मोबाइल वैन चलाकर गोवंश के लिए चिकित्सा सुविधा दी जाएगी। इसके लिए कृषि विभाग ने निविदा जारी कर दी है। 58 करोड़ की राशि से पहले चरण में प्रदेश में 163 मोबाइल वेटनरी यूनिट (एमवीयू) का संचालन किया जाएगा। प्रत्येक विकासखंड में एक एमवीयू होगी। इसमें एक वेटनरी डाक्टर और एक पैरावेट, एक सहायक व एक ड्राइवर कार्यरत होंगे।
एमवीयू में लैब टेस्ट की सुविधा होगी। एमवीयू के माध्यम से ही गोवंश का टीकाकरण, प्राथमिक उपचार, नस्ल सुधार आदि काम कराए जाएंगे। भविष्य में सभी 10 हजार गोठानों को कवर करने की योजना है। घायल व बीमार गोवंश का मौके पर उपचार करने के अतिरिक्त उन्हें उच्च वेटनरी अस्पतालों तक पहुंचाने में भी मदद मिलेगी।
गौरतलब है कि हरेली के दिन 20 जुलाई 2020 को राज्य सरकार ने गोधन न्याय योजना का शुभारंभ किया था। इसके अंतर्गत सुराजी गांव में स्थापित गोठानों के माध्यम से गोठान समितियों में दो रुपये प्रति किलो की दर से खरीदा जा रहा है। इस गोबर से स्व सहायता समूहों द्वारा वर्मी कंपोस्ट, सुपर कंपोस्ट और सुपर कंपोस्ट प्लस का उत्पादन किया जाता है। वर्मी कंपोस्ट को 10 रुपये प्रति किलो, सुपर कंपोस्ट छह रुपये प्रति किलो और सुपर कंपोस्ट प्लस 6.50 रुपये किलो की दर से किसानों को विक्रय किया जा रहा है।
संक्रमण रोगों से बचाने में होगा कारगर: अधिकारियों के मुताबिक गोवंश समेत अन्य मवेशियों में किसी भी तरह के संक्रामक रोग होने पर उनको समय पर नियंत्रित किया जा सकेगा। गलघोटू, एकटंगिया जैसे रोगों के विरुद्ध पशुओं में व्यापक रूप से प्रतिबंधात्मक टीकाकरण कार्य विभागीय अमले के सहयोग से किया जा सकेगा। इस योजना से प्रदेश के 26 लाख पशुपालक परिवार के लगभग 158 लाख पशुओं को चिकित्सा व अन्य सुविधा दी जाएगी।