इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन भी अन्य टेक्नोलॉजिकल एप्लीकेशन की तरह साइबर हमलों के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं।
देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल और चार्जिंग सेंटर की बढ़ती संख्या के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इसकी सुरक्षा को लेकर भी आगाह किया है। उन्होंने बताया कि आम इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन भी अन्य टेक्निकल एप्लीकेशन की तरह साइबर हमलों का शिकार बन सकता है। लोकसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन भी किसी अन्य टेक्नोलॉजिकल एप्लीकेशन की तरह साइबर हमलों और साइबर सिक्योरिटी के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं।
क्या कर रही है सरकार?
नितिन गडकरी ने बताया कि इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) को इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन से संबंधित प्रोडक्ट्स और एप्लीकेशन में कमजोरियों की रिपोर्ट मिली है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार विभिन्न साइबर सुरक्षा खतरों से पूरी तरह से अवगत है और हैकिंग के मुद्दे से निपटने के लिए सक्रिय रूप से कदम उठा रही है। आपको बता दें कि CERT-In को भारत में साइबर सिक्योरिटी की तमाम घटनाओं पर नजर रखने और निगरानी करने के लिए अधिकृत किया गया है।
साइबर क्राइम की कितनी घटनाएं?
केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने CERT-In द्वारा जुटाए गये साइबर क्राइम के मामलों की जानकारी देते हुए बताया कि 2018 में 2,08,456, 2019 में 3,94,499, 2020 में 11,58,208, 2021 में 14,02,809 और साल 2022 में 13,91,457 साइबर क्राइम से जुड़ी घटनाएं सामने आई हैं। यानी साल 2018 की तुलना में साल 2022 में साइबर क्राइम के मामले करीब 7 गुना बढ़ गये हैं।
नेशनल हाईवे निर्माण का लक्ष्य
एक अन्य सवाल के जवाब में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि मंत्रालय ने पिछले तीन वित्तीय वर्षों की तुलना में चालू वित्त वर्ष के दौरान नेशनल हाईवे के निर्माण के लिए 12,200 किलोमीटर का उच्च लक्ष्य निर्धारित किया गया है। फिलहाल 21,864 करोड़ रुपये की लागत वाली 19 प्रोजेक्ट हैं, जो भूमि अधिग्रहण में देरी के कारण विलंबित हैं।