नई दिल्ली। देश के कोयला आधारित बिजली घरों में पिछले वर्ष की तररह कोयले की किल्लत नहीं होगी। हालांकि फिर भी केंद्र सरकार ने कोयला उत्पादन बढ़ाने की कोशिशों को और धार देने का फैसला किया है। इसी के तहत अब तेजी से 141 कोयला खदानों में कामर्शियल खनन की राह की हर तरह की दिक्कतों को दूर किया जाएगा और इन खदानों का तेजी से कंपनियों को आवंटित किया जाएगा।
सरकार नहीं बरतेगी कोई सुस्ती
कोयला खदान वाले सभी राज्य सरकारों और अन्य संबंधित विभागों को कहा गया है कि वो कोयला उत्पादन की राह की हर दिक्कत तो तत्काल दूर करें ताकि वर्ष 2030 तक घरेलू स्तर पर 1.5 अरब टन कोयला उत्पादन सुनिश्चित किया जा सके। कोयला खदानों में कामर्शियल खनन शुरू करने के एक कार्यक्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को यह स्पष्ट कर दिया कि सरकार कोयला उत्पादन में कोई सुस्ती बरतने नहीं जा रही।
कोयला मंत्री ने की बैठक
इस नीलामी प्रक्रिया में कुल 71 कोयला ब्लाकों का आवंटन निजी क्षेत्र को किया गया है। जिन कंपनियों को कोयला ब्लाक मिले हैं उनके साथ शुक्रवार को कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने विशेष बैठक की। बैठक में राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों के अलावा केंद्र सरकार के वन व पर्यावरण मंत्रालय के भी प्रतिनिधि शामिल थे। आवंटित हर कोयला खदान का अलग-अलग परीक्षण किया गया ताकि उनमें तेजी से खनन प्रक्रिया शुरू हो सके।