Madhya Pradesh News: पन्ना में बाघ के शिकार के बाद मुख्यमंत्री चीतों की सुरक्षा को लेकर चिंतित


पन्ना में बाघ के शिकार के बाद मुख्यमंत्री श‍िवराज सिंह चौहान ने आपात बैठक बुलाई। उन्‍होंने अधिकारियों से कहा- सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करें। पन्ना की घटना की जांच के लिए स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स रवाना

 भोपाल(राज्य ब्यूरो)। पन्ना टाइगर रिजर्व की सीमा से सिर्फ 12 किमी दूर उत्तर वनमंडल की पन्ना रेंज में करीब तीन साल के बाघ का फंदा लगाकर शिकार करने की घटना ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चिंतित कर दिया है। मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर आपात बैठक बुलाई और अधिकारियों को चीतों सहित बाघ, तेंदुओं की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के निर्देश दिए हैं।

उधर, स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (एसटीएसएफ) को भी घटना की बारीकी से जांच के लिए भोपाल से रवाना कर दिया गया है। इस बैठक में वन विभाग के अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया पन्ना से शामिल हुए। वे परिवार सहित पार्क घूमने गए थे और शाम की सफारी के लिए खजुराहो से पन्ना जा रहे थे। तभी मुख्यमंत्री की बैठक की सूचना मिली, वे शामिल हुए और वापस खजुराहो लौट गए।

वन्यप्राणी मुख्यालय के अधिकारी बताते हैं कि पन्ना रेंज के विक्रमपुर गांव के करीब शिकारियों ने जंगली सुअर के शिकार के लिए फंदे लगाए थे। उसमें बाघ फंस गया। गला घुटने से उसकी मौत हुई है। इस घटना से मुख्यमंत्री नाराज हैं। उन्होंने बैठक में अधिकारियों से कहा है कि चीता और बाघों की सुरक्षा में कोई कसर न छोड़ें। इसमें पुलिस की मदद भी लें। पुलिस से भी सहयोग करने को कहा है।

पन्ना के वनमंडल अधिकारी ने मुख्यमंत्री को घटना की जानकारी दी। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना, वन बल प्रमुख आरके गुप्ता, अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक वन्यप्राणी शुभरंजन सेन, सागर संभागायुक्त, आइजी, पन्ना कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए हैं।

डेढ़ साल पहले कोर क्षेत्र में हुआ था शिकार

करीब डेढ़ साल पहले पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र (केन नदी के देहरी घाट) में बाघ का शिकार हुआ था। शिकारियों ने उसका सिर काटकर शव को नदी के पानी में डुबा दिया था, जो बाद में फूलकर बाहर आया, तब पार्क प्रबंधन को पता चला। इस मामले में करीब के गांव के लोग पकड़े गए थे।

 

 


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