हरदा में मंगलवार को हुए पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट में कई लोगों की जान चली गई। इसके बाद उज्जैन जिले में भी अधिकारी पटाखा फैक्ट्री की जांच करने पहुंचे हैं। जिले के बड़नगर में 10 साल पहले पटाखा फैक्ट्री में आग लग गई थी। इससे फैक्ट्री में काम कर रही 12 महिलाओं सहित 15 श्रमिकों की मौके पर ही मौत हो गई थी।
उज्जैन, हरदा में मंगलवार को हुए पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट में कई लोगों की जान चली गई। इसके बाद उज्जैन जिले में भी अधिकारी पटाखा फैक्ट्री की जांच करने पहुंचे हैं। जिले के बड़नगर में 10 साल पहले पटाखा फैक्ट्री में आग लग गई थी। इससे फैक्ट्री में काम कर रही 12 महिलाओं सहित 15 श्रमिकों की मौके पर ही मौत हो गई थी।
बता दें कि बड़नगर से करीब एक किलोमीटर दूर लोहाना-केसूर बस स्टैंड के पास स्थित पटाखा फैक्ट्री में 3 मई 2014 को एकाएक हुए विस्फोट के बाद आग लग गई थी। हादसे के दौरान फैक्ट्री में मजदूर पटाखे बना रहे थे। बारूद के कारण आग काफी भीषण हो गई थी।
आग लगने के कारण फैक्ट्री में काम कर ही 12 महिलाओं सहित 15 मजदूरों की मौत हो गई थी। आग पर काबू पाने के बाद जेसीबी की मदद से शवों को बाहर निकाला गया था। फैक्ट्री का लाइसेंस यूसुफ अली मुहम्मद हुसैन के नाम पर था। धमाके के कारण फैक्ट्री की दीवारें ध्वस्त हो गई और छप्पर करीब 500 मीटर दूर उड़ गया था।
फैक्ट्री में अनार और सुतली बम बनाया जाता था।चार फैक्ट्रियां, समय-समय पर जांच उज्जैन के भैरवगढ़ थाना क्षेत्र में ग्राम रातड़िया में भी खेतों में चार पटाखा फैक्ट्री हैं। भैरवगढ़ टीआइ जगदीश गोयल ने बताया कि समय-समय पर पटाखा फैक्ट्री में जाकर जांच की जाती है। बीते माह हुई जांच में भी सभी नियमों का पालन पाया गया था।