कांग्रेसी प्रदर्शन के बाद टोल टैक्स बंद, दुर्ग-राजनांदगांव बाइपास पर सीजी की गाड़ियां टोल फ्री हुई, भाजपा राज में जमकर हुई थी वसूली


भिलाई. छत्‍तीसगढ़ के दुर्ग-राजनांदगांव बाइपास से गुजरने वाले सीजी-07 (दुर्ग जिला में पंजीकृत) गैर व्यवसायिक वाहनों का अब टोल टैक्स नहीं लगेगा। कांग्रेस के प्रदर्शन और तोड़फोड़ के बाद टोल वसूली कर रही कंपनी डीएसपीएल ने तत्काल निर्णय लिया है और सीजी-07 की गाड़ियों को टैक्स फ्री कर दिया है।

कांग्रेस ने करीब महीने भर पहले से ही इस टोल नाके पर सीजी-07 की गाड़ियों को टोल फ्री करने की मांग की थी लेकिन, किसी प्रकार की राहत नहीं मिली थी। बता दें कि कुछ दिन पहले जिला कांग्रेस कमेटी भिलाई के अध्यक्ष मुकेश चंद्राकर की गाड़ी को इस टोल प्लाजा पर रोक दिया गया था। टोल टैक्स देने की बात को लेकर टोल प्रबंधन और मुकेश चंद्राकर के बीच काफी गरमा गरम बहस भी हुई थी। इसके बाद उन्होंने पूरे जिले की सीजी-07 की गैर व्यवसायिक वाहनों को टोल फ्री करने की मांग को लेकर मुहिम शुरू कर दी थी।

उन्होंने कलेक्टर से भी इस संबंध में ज्ञापन सौंपकर अपनी मांग रखी थी। करीब एक महीने तक किसी प्रकार की पहल न होने पर कांग्रेस ने टोल नाका पर जोरदार प्रदर्शन किया। शुरुआत के कुछ मिनट तक शांतिपूर्ण चर्चा करने के बाद कांग्रेसियों ने टोल नाके पर जमकर तोड़फोड़ की। टोल प्लाजा के बेरियर, फास्ट टैग रीडर, कैमरा और टोल बूथ के कांच को तोड़ दिया। इसके साथ ही गुस्साए लोगों ने टोल प्लाजा के पास रखे गमले और बेरिकेड्स को भी पटककर उसे तोड़ दिया।

तोड़फोड़ के दौरान जमकर मचाया उत्पात, पुलिस बनी रही मूकदर्शक
कांग्रेसियों के साथ प्रदर्शन में शामिल लोगों ने तोड़फोड़ के दौरान जमकर उत्पात मचाया। कांग्रेसी सिर्फ तोड़फोड़ तक ही सीमित नहीं रहे। उन्होंने टोल नाके पर आग बुझाने के लिए रखे फायर इंग्यूशिटर को भी खोलकर हवा में उसे उड़ाया। करीब दो घंटे तक ये जारी रहा। इस दौरान पुलिस भी उपस्थित थी लेकिन, पुलिस ने सिर्फ एक मूकदर्शक की ही भूमिका निभाई। किसी भी अधिकारी या जवान ने किसी को रोकने की कोशिश तक नहीं की। इस दौरान टोल प्लाजा के दोनों तरफ गाड़ियों की लंबी कतार लग गई थी।

भाजपा राज में जमकर हुई थी लूट
इसी कंपनी ने टोल टैक्स के नाम पर भाजपा की रमन सरकार के दौरान जमकर लूट मचा रखी थी. हाल यह थे कि भाजपा नेत्री सरोज पाण्डे भी वसूली के खिलाफ उतरी थी लेकिन उनकी बात नही सुनी गई और सांसद से ज्यादा भारी कंपनी पड़ी और उसकी मनमानी चलती रही. भाजपा की सरकार जाने का एक बड़ा कारण इस तरह की टोल टैक्स वसूली भी थी. रायपुर से राजनांदगांव मुश्किल से 70 किलोमीटर है लेकिन भाजपा सरकार में टोल टैक्स 180 रूपये वूसला जाता था.

 


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