छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसके पहले विधानसभा में कांग्रेस सरकार के 5 साल के कार्यकाल का आखिरी मानसून सत्र होने वाला है. चुनावी में उतरने से पहले कांग्रेस जनता को राहत और अपने घोषणा पत्र के बचे हुए वादों पर घोषणा कर सकती है. इसके संकेत छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम टी एस सिंहदेव ने बताया है कि 6 जुलाई को कैबिनेट की बैठक होने वाली है.
6 जुलाई को सीएम हाउस में होगी कैबिनेट बैठक
दरअसल 18 जुलाई को विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने वाला है. इसके पहले 6 जुलाई को सीएम भूपेश बघेल ने कैबिनेट की बैठक बुलाई है. आने वाले गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास में कैबिनेट की बैठक होगी. इसको लेकर छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम टी एस सिंहदेव ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए इसकी जानकारी दी है. उन्होंने बताया है कि 6 जुलाई को कैबिनेट की बैठक होगी. इसमें कई प्रस्ताओं पर चर्चा होगी .उन्होंने नियमितिकरण पर कैबिनेट बैठक में निर्णय लेने की संकेत देते हुए कहा कि नियमितिकरण की चर्चा हो रही है. कैबिनेट में ये बात आएगी.
नियमितिकरण पर डिप्टी सीएम ने क्या कहा?
कैबिनेट बैठक में नियमितिकरण पर फैसला लेने के मामले में जवाब देते हुए डिप्टी सीएम टी एस सिंहदेव ने कहा कि 6 तारीख को कैबिनेट की बैठक है, मुझे लगता है कि कैबिनेट की बैठक में बहुत सारे मुद्दे आएंगे. इसके आगे अनुकंपा संघ की मुलाकात को लेकर सिंहदेव ने कहा मेरे से पिछले ढाई तीन साल से संपर्क में है. पंचायत विभाग में मैं जुड़ा था तब भी मैने प्रयास किया था लेकिन बार बार अधिकारी ये बता रहे है की नियम में प्रावधान नहीं है. क्योंकि अब वो पंचायत कर्मी नहीं रहे. इसका पोस्ट ही खत्म कर दिया गया है. एक तकनीकी सी बात है उसपर अटकी हुई है.
टी एस सिंहदेव ने रास्ता निकालने के लिए प्रयास होने की उम्मीद जताई है. वहीं नियमितिकरण पर उन्होंने कहा कि जानकारियां तो हर विभाग से मंगाई गई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मेरी बात हुई तो उन्होंने कहा था कि कुछ विभागों की जानकारी आई गई कुछ विभागों की जानकारी बाकी है. उन्होंने हर विभागों को संदेश भेजा हुआ है. तो चर्चा हो रही है. मुझे लगता है कि कैबिनेट में भी बात आएगी.
कांग्रेस ने किया था नियमितिकरण का वादा
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में हजारों कर्मचारी लंबे समय से नियमितिकरण को लेकर बीच बीच में हड़ताल कर रहे है. सरकार की विभागीय काम करने वाले अनियमित कर्मचारी भी नियमितिकरण के आस लगाए बैठे है. क्योंकि 2018 में चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में सभी अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था. अब फिर 2023 का चुनाव सामने है तो नियमितिकरण पर फिर चर्चा शुरू हो गई है.