किसी की एक साल तो किसी की दो…साउथ कोरिया में अचानक घट गई 5 करोड़ लोगों की उम्र, ऐसा क्‍या हुआ, जानिए


नई दिल्‍ली. ऐसा माना जात है कि बीता हुआ समय कभी वापस नहीं आता. उम्र के जिस पड़ाव को हम पीछे छोड़ आए हैं वो दोबारा नहीं आएगा. दुनिया भर में एक देश ऐसा भी है जहां के पांच करोड़ लोगों के लिए बीता हुआ समय लौटकर फिर वापस आने वाला है. साउथ कोरिया में हर किसी की उम्र में एक से दो साल कम होने वाली है. ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि साउथ कोरिया की सरकार द्वारा पास किए गए नए कानून के तहत ऐसा होने वाला है.

साउथ कोरिया ने उम्र की गणना के लिए अपनाया जाने वाला अपना ट्रेडिशनल सिस्‍टम खत्‍म कर दिया है. अब वो अंतरराष्‍ट्रीय मानकों के आधार पर ही अपने देश में हर किसी के उम्र की गणना करेंगे. अब मन में यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर इस पूर्वी एशियाई देश में ऐसा कौन सा सिस्‍टम अबतक लागू था जिसके तहत हर किसी की उम्र दुनिया भर के अन्‍य देशों के मुकाबले एक से दो साल ज्‍यादा होती थी. आइये हम आपको इसकी विस्‍तृत जानकारी उपलब्‍ध कराते हैं.

इस कारण बढ़ जाती है दो साल तक उम्र
दरअसल, दक्षिण कोरिया के पारंपरिक सिस्‍टम के मुताबिक बच्‍चे के पेदा होते ही उसे एक साल का माना जाता है. साथ ही नए कैलेंडर ईयर की शुरुआत होती ही उसकी उम्र में एक साल और जोड़ दिया जाता है. ऐसे में फर्ज कीजिए की किसी बच्‍चे का जन्‍म 15 दिसंबर को हुआ है तो वो बर्थ डेट के दिन ही एक साल साल का माना जाएगा. 16 दिन बाद यानी नया साल लगते ही एक जनवरी को उम्र में एक और साल जोड़ते हुए उसकी कुल उम्र को दो साल का माना जाता था. साउथ कोरिया के ट्रेडिशनल सिस्‍टम के तहत महज एक महीने के अंदर ही ऐसे बच्‍चों की उम्र दो साल की काउंट की जाती है.

जापान में भी लागू था यह सिस्‍टम
लंबे समय से इस सिस्‍टम को खत्‍म करने की आवाजें उठ रही थी. राष्‍ट्रपति यून सुक येओल ने अपने चुनावी वादे में इस सिस्‍टम को खत्‍म करने का ऐलान किया था. पिछले साल दिसंबर में संसद में इसे लेकर प्रस्‍ताव भी पारित हुआ था. अब इसे लागू भी कर दिया गया है. नॉर्थ कोरिया इस सिस्‍टम को 1980 में ही खत्‍म कर चुका है. कुछ इसी तर्ज पर एक वक्‍त पर जापान में भी उम्र की गणना की जाती थी. साल 1950 में जापान ने परंपरागत सिस्‍टम को छोड़ते हुए इंटरनेशनल सिस्‍टम को अपना लिया था.

 


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