रायपुर। जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के नौ वर्ष की उपलब्धियां गिनाई। साथ ही यूपीए सरकार पर निशाना भी साधा। मीडिया संवाद कार्यक्रम में रायपुर पहुंचे मुंडा ने कहा कि 2014 के पहले देश में रिमोट वाली सरकार थी, जिसे एक अदृश्य शक्ति नियंत्रित करती रही। लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार अनिर्णय की स्थिति में थी, कोई निर्णय लेने का अधिकार नहीं था मगर अब देश में गति-प्रगति वाली सरकार है।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने आरेाप लगाया कि तत्कालीन कांग्रेस की सरकार में तकनीक के नाम पर टूजी थ्रीजी घोटाला होता रहा मगर अब तकनीक की मदद से भारत प्रधानमंत्री के नेतृत्व में करोड़ों लोगों के विश्वास के साथ विकास की नई कहानी लिख रहा है। देश की 140 करोड़ जनता ने मोदी पर भरोसा किया और इस भरोसे ने 2014 से 2023 के नौ वर्षों की कालावधि में देश को शांति, समृद्धि और विकास की स्पीड भी दिखाई और स्केल भी दिखाई है।
एक रुपये में 15 पैसे ही पहुंचता था गरीबाें तक
मुंडा ने कहा कि कभी दिल्ली से भेजा एक रुपया गरीबों तक पहुंचते-पहुंचते 15 पैसे ही रह जाता था, लेकिन आज दिल्ली से चला 100 रुपये पूरा का पूरा गरीबों तक पहुंच रहा है। कोविड महामारी में भी मोदी के नेतृत्व में देश हर आपदा में देशवासियों की सेवा में जुटा रहा। पोलियो, टिटनेस और बीसीजी टीकों के लिए वर्षों तक मोहताज रहने वाले देश में दुर्गम इलाकों तक ड्रोन के जरिए वैक्सीन पहुंचवाई और रिकार्ड समय में लाखों लोगों का कोविड वैक्सीन टीकाकरण कराया। पहले भारत दवाओं और टीकों के लिए विदेशी कृपा पर निर्भर था जबकि केंद्र की मोदी सरकार के नेतृत्व में भारत ने कोविड के दो स्वदेशी टीके न केवल विकसित किए, अपितु कई देशों को जीवनरक्षक दवाओं की आपूर्ति की।
गिनाई सारी उपलब्धियां
मुंडा ने आवास निर्माण, जल जीवन मिशन, वन नेशन-वन राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, सेनेटरी पैड, सस्ती दर पर जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता, सूक्ष्म सिंचाई योजना, मेक इन इंडिया, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, पिछड़ा वर्ग, अजा और अजजा वर्ग के अधिकारों, आयोध्या में श्रीराम मंदिर, सर्जिकल स्ट्राइक, अनुच्छेद 370 को हटाने, सड़क और हवाई यात्रा के विस्तार तक की उपलब्धियां गिनाई। इस मौके पर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव, पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह, राष्ट्रीय प्रवक्ता केके शर्मा, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल आदि मौजूद रहे।