बालाघाट, परसवाड़ा के भादुकोटा में आयोजित बागेश्वर धाम के पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की दो दिवसीय वनवासी रामकथा का बुधवार को अंतिम दिन था। देर रात तक चलते भव्य कार्यक्रम में रामकथा के बाद दिव्य दरबार लगाया गया। उसमें दूरदराज से आए लोगों की अर्जी सुनी गई। दिव्य दरबार में बुर्का पहनीं बांग्लादेश की मुस्लिम महिला हिंदू सनातन धर्म में आने की अर्जी लेकर दरबार में पहुंचीं। बांग्लादेश से आईं मुस्लिम महिला सागर में हुई पं. धीरेन्द्र शास्त्री की कथा सुनने के बाद बालाघाट के परसवाड़ा भादूकोटा तक पहुंचीं। अर्जी के दौरान महिला ने कहा कि वह हिंदू धर्म अपनाना चाहती हैं। इस पर पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि आपको अपना महजब छोड़ने की जरूरत नहीं है।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा घर वापसी पर हमारा विश्वास है
दरअसल मुस्लिम महिला की सनातन धर्म को अपनाने की बात सुनकर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मुस्लिम महिला को अपना मजहब छोड़ने की हिदायत नहीं देते हुए उन्होंने कहा कि आप अभी जिस धर्म में हैं, वहीं रहकर हिंदू धर्म को अपना सकती हैं। पं. शास्त्री ने कहा कि हम मतातंरण के पक्ष में नहीं हैं और किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं हैं। हमारी सिर्फ राम नाम की भूमिका है, लेकिन घर वापसी पर हमारा विश्वास है। महिला का कहना था कि उसे सनातन धर्म अच्छा लगता है। हिंदू धर्म के भजन कीर्तन व कथा वह यूट्यूब में देखती व सुनती हैं। पं. धीरेंद्र शास्त्री को वह काफी समय से फॉलो कर रही हैं।