पाकिस्तान से आए हिन्दू विस्थापितों को मिलेगा स्थायी ठिकाना, मूल सागर में 40 बीघा जमीन चिन्हित


जोधपुर, 24 मई। सरहदी जिले जैसलमेर में पाकिस्तान से आकर बसे हिंदू विस्थापितों को रहने के लिए जिला प्रशासन ने 40 बीघा जमीन चिन्हित कर ली है। जिसके बाद अब पाक विस्थापित परिवारों को मूल सागर में बसाया जाएगा। जमीन के चयनित होने के बाद अब अतिक्रमण के कारण बेदखल हुए पाक हिंदू विस्थापितों के चेहरे पर खुशी साफ नजर आ रही है। यह सभी लोग अभी रैन बसेरा में रह रहे हैं, लेकिन बहुत जल्द ये सभी लोग अपने मकान बना सकेंगे।

ध्वस्त हुआ था आशियाना

दरअसल पाकिस्तान से भाग कर आए इन हिंदू पाक विस्थापितों ने हिंदुस्तान में पहले से रह रहे अपने रिश्तेदारों के पास मूल सागर के ही कुछ इलाकों में अपना रेहवास शुरू किया था। इसी बीच यूआईटी ने इसे अतिक्रमण मानते हुए 50 से अधिक परिवारों के आशियाने कोध्वस्त कर दिया था। अलग-अलग संगठनों द्वारा विरोध जताने के बाद जिला प्रशासन ने इनके लिए अस्थाई तौर पर रैन बसेरों की व्यवस्था की थी। इंद्रा रसोई तर्ज पर उनके भोजन की व्यवस्था भी की गई थी।

चेहरे पर नजर आई खुशी

पाकिस्तान से भागकर सरहदी जिले जैसलमेर आए इन परिवारों के चेहरों पर खुशी अब साफ नजर आ रही है। पाक शरणार्थी सुगनी देवी ने बताया कि अब वे बहुत खुश हैं और कलेक्टर टीना डाबी को बहुत बहुत धन्यवाद देकर उनके लिए दुआएं कर रही है। कलेक्टर टीना डाबी पर बेदखल करने के आरोप लगाने के बाद अब सभी पाक शरणार्थियों के मुंह से टीना डाबी के लिए दुआएं निकल रही है ।

40 बीघा जमीन चिन्हित

यूआईटी सचिव जगदीश आशिया से कहा कि करीब 40 बीघा जमीन पर 250 परिवारों को बसाने की योजना है । जिनको भारत की नागरिकता मिल चुकी है, उनको यूआईटी पट्टे देगी। वहीं जिसको अभी नागरिकता नहीं मिली है उनके रिकॉर्ड भारत सरकार से लेकर इसी जगह पर बसाया जाएगा और इनकी नागरिकता के लिए प्रयास किए जाएंगे। जैसे ही नागरिकता मिलेगी इनको भी पट्टे दिए जाएंगे। फिलहाल ये 50 परिवार अपना आशियाना इस जगह पर बना सकेंगे। रेन बसेरे के अस्थायी निवास में रह रहे पाक शरणार्थियों को बहुत जल्द उनके लिए अलॉट की गई जमीन पर अपना निवास बना सकेंगे। पूरे मामले के लिए गठित कमेटी ने ही मूल सागर में 40 बीघा जमीन चिन्हित की है।

 


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