राजधानी में होर्डिंग घोटाला : महापौर ने लगाया आरोप, अफसरों ने नियमों को ताक पर रखकर किया 27 करोड़ रुपए का घोटाला


छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की सड़कों पर आप निकलेंगे तो आपको जगह-जगह होर्डिंग ही होर्डिंग दिखाई देंगे साथ ही आपको कई जगह नए चौक चौराहे बनते हुए भी दिखाई देंगे । तब आपके मन में सवाल जरूरत उठता होगा कि आखिर इतने होल्डिंग कैसे लग रहे हैं? साथ ही इतने नए चौक का निर्माण भी कैसे हो रहा है?

अब इस मामले पर बड़ा मोड़ सामने आया है, दरअसल राजधानी के महापौर एजाज ढेबर ने अफसरों पर आरोप लगाया है कि महापौर को बिना जानकारी दिए ऐड कंपनियों से सांठगांठ कर अधिकारियों ने 27 करोड़ रुपए से अधिक का घोटाला किया है साथ ही कई अवैध चौकों का भी निर्माण कर दिया गया है । महापौर ने कहा कि जितने भी अवैध चौक बने हैं, उनको तोड़ा जाायेगा साथ ही अधिकारियों के खिलाफ भी FIR भी दर्ज कराई जाएगी ।

आपको बता दें कि रायपुर के माता सुंदरी स्कूल के सामने चौराहे पर एक ठेकेदार को काम देकर वहां अपनी मर्जी से चौराहा बनवा दिया। इसकी जानकारी न पार्षद को है, न कलेक्टर को न विधायक को न ही खुद निगम के महापौर को है।

निगम के अफसरों की गड़बड़ी को खुद महापौर एजाज ढेबर ने पकड़ा। उन्होंने बताया कि मेरी जानकारी के बगैर अधिकारियों ने होर्डिंग के टेंडर का काम दे दिया। मनमानी ढंग से रेट दिए गए। माता सुंदरी स्कूल के पास बने चौक को लेकर कहा कि इसे किसने बनाया और काम कौन कर रहा है इसकी किसी को जानकारी नहीं है। उसकी तलाश की जा रही है। इसमें भी अधिकारियों की मिलीभगत होगी। जिस पर कार्रवाई की जाएगी।

कैसे महापौर से छुपाकर अधिकारियों ने किया कांड

महापौर एजाज ढेबर ने गुरुवार को MIC की बैठक ली। इसके बाद उन्होंने कहा- मैंने जांच में पाया है कि जो अभी होर्डिंग्स लगी हैं उनमें अनियमितता है। जिसे मन चाहा टेंडर दिया गया है। 15 बाय 9 की साइज को मनमानी ढंग से 18 बाय 18 किया गया। रेट जो लगने थे नहीं लगे। एमआईसी में रेट फाइनल करने का प्रस्ताव आना चाहिए था, नहीं आया। शहर में बेतरतीब होर्डिंग, युनिपोल लग गए वो होर्डिंग अवैध है।

महापौर ने आगे कहा- 7 लोगों की समिति बनाई गई है। मैं भी समिति मे हूं, मेरे आंकलन के मुताबिक करीब 27 करोड़ का घोटाला हुआ है। महापौर होने के नाते मैं चाहता हूं कि निगम का राजस्व बढ़े, मगर ऐसी बढा़ेतरी नहीं चाहिए, अफसरों ने एड एजेंसियों के मुताबिक काम कर दिया है। जो भी अधिकारी इसमें शामिल होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।

इतने दिनों तक आपको जानकारी कैसे नहीं हुई और अब कार्रवाई क्यों कर रहे हैं ये पूछे जाने पर महापौर ने कहा– जो बचते रहता है वो सही है जो पकड़ा गया चोर है, बहुत दिन से ये चल रहा था। अब पकड़ में आया है, मुझे 20 दिन लगे स्टडी करने में कागजों में घुमाकर काम किया गया है। इसके लिए मैंने 4 एक्सपर्ट लोगों से बात की 2 आदमी बाहर से बुलाए गए। तब पता लगा कि गड़बड़ी हुई है। 27 करोड़ का नुकसान जो हुआ उसकी भरपाई हम करेंगे। किसी एजेंसी को 900 रुपए में काम दिया किसी को सिर्फ 400 रुपए में।

महापौर ने बताया – यदि मैं संतुष्ट नहीं हुआ तो लोकायुक्त में जाउंगा, ये मामला शहर की सुरक्षा की दृष्टि से जुड़ा है। अगर कल को कोई हादसा हुआ तो जवाब दार कौन होगा। कंपनियों ने लॉस बताया उन्हें भी काम दिया गया है। जिनके चेक बाउंस हुए ऐसी कंपनियों को काम दिया गया है। मगर इसमें अब जितने होल्डिंग्स लगे हैं सबको नापा जाएगा, सबके टेंडर ऑनलाइन किया जाएगा। यहां से नहीं होगा तो जहां जी भी जाना पड़े चाहे सीएम के पास जाना पड़े जाएंगे। क्योंकि ये रायपुर के विकास से जुड़ा मुद्दा है। वसूली की जाएगी, अफसरों का निलंबन होगा, FIR होगी। टेंडर को रदद् भी करेंगे।

रातों रात बन गया चौक निगम को पता नहीं
रायपुर के इस चौराहे को कौन बना रहा है, क्यों बना रहा है, किसने इसकी अनुमति दी, इसका बजट कहां से आया। इस सवाल का जवाब देते हुए महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि ये किसी को नहीं पता। ये पूछे जाने पर कि इसके पीछे कौन लोग हैं जो काम कर रहे हैं, महापौर ने कहा उन्हें ढूंढना पड़ेगा शहर के बाकि हिस्सों का विकास उन्हीं से करवाएंगे।
इसके बाद महापौर ने कहा कि ये चाैक अवैध है। इसे तोड़ने के आदेश एमआईसी की बैठक में दे दिए गए हैं। किसने बनाया ये चौराहा इसकी जांच करेंगे। ये चौराहा रायपुर के माता सुंदरी स्कूल के पास है ये सड़क कलेक्टर दफ्तर, घड़ी चौक और पंडरी को जोड़ती है। चौराहे पर काले रंग के ग्रेनाइट पत्थर लगा दिए गए हैं जो हादसों का कारण बन सकते हैं। इसके निर्माण की जानकारी ही किसी को नहीं है ये सरकारी एजेंसियों के हाल को बयां करने को काफी है।

 


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