कूनो नेशनल पार्क में शुरू किए गए चीता प्रोजेक्ट को तीसरा बड़ा झटका लगा है। दक्षिण अफ्रीका से लाई गई दक्षा नामक मादा चीता की मौत मंगलवार को हुई है। दो माह में यह साउथ अफ्रीका से लाए गए तीसरे चीते की मौत हुई है।
मादा चीता दक्षा की मौत से पार्क प्रबंधन पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं सोमवार को केंद्रीय मंत्रालय ने एक स्थानीय न्यूज एजेंसी के हवाले से कहा था कि दक्षिण अफ्रीका से कूनो बसाए गए सभी चीते स्वस्थ हैं। इनमें से पांच को जल्द ही खुली जगह में छोड़ा जाएगा। शेष को भी आने वाले समय में खुल में विचरण करने छोड़ दिया जाएगा।
दक्षा नाम की माता चीता को नामीबिया से लाया गया था। इसका पूर्व में नाम िंफडा था। दक्षा से पूर्व कूनो नेशनल पार्क में बसाए गए उदय और साशा चीता की मौत हो चुकी है।
घायल अवस्था में मिली दक्षा
दक्षिण अफ्रीका से कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ी गई मादा चीता दक्षा मानीटरिंग दल को घायल अवस्था में मिली। पशु चिकित्सकों ने उसे उपचार दिया, लेकिन दोपहर 12 बजे उसके मौत हो गई। दक्षा चीता बाड़ा क्रमांक एक में छोड़ी गई थी। समीप के बाड़ा क्रमांक 7 में दक्षिण अफ्रीका से लाये गए चीता कोयलिशन वायु तथा अग्नि को छोड़ा गया था।
30 अप्रैल को लिया था निर्णय
30 अप्रैल को हुई बैठक में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के महानिरीक्षक डा. अमित मल्लिक, भारतीय वन्यजीव संस्थान के डा. कमर कुरैशी, दक्षिण अफ्रीका से आए प्रो. एड्रियन टोर्डिफ तथा दक्षिण अफ्रीका के चीता मेटा पापुलेशन इनिशियटिव के विन्सेंट वेन डर मार्व उपस्थित थे। इस बैठक में बाड़ा क्रमांक सात में मौजूद दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीता मेल कोयलिशन अग्नि तथा वायु को मादा चीता दक्षा के साथ मिलाने का निर्णय लिया गया। बाडा क्रमांक सात और एक के बीच का गेट एक मई को खोल दिया गया। चीता मेल कोयलिशन छह मई को बाड़े में दाखिल हुआ।
मादा चीता दक्षा के शरीर में मिले घाव
मादा चीता दक्षा के शरीर पर मिले घावों को देखकर यही आशंका जताई जा रही है कि मेल से हिंसक इंटरेक्शन संभवतः मेटिंग के दौरान हुआ है। नर कोयलिशन चीता ने मेटिंग के दौरान मादा चीतों के साथ हिंसक व्यवहार किया होगा। ऐसी स्थिति में निगरानी टीम का हस्तक्षेप न के बराबर होता है। मृत मादा चीता के शव का परीक्षण पशु चिकित्सक दल कर रहे हैं।