रायपुर: ईडी के छत्तीसगढ़ में 2 हजार करोड़ के आबकारी घोटाले के आरोपों को सीएम भूपेश बघेल ने पूरी तरह खारिज किया है। उन्होंने कहा कि आबकारी राजस्व में डेढ़ गुना बढ़ोतरी हुई है ऐसे में आबकारी राजस्व में कमी के आरोप पूरी तरह मिथ्या और मनगढ़ंत है। सीएम ने आरोप लगाया कि केंद्र की एजेंसीया भाजपा के राजनीतिक एजेंट के तौर पर काम कर रही है।
बघेल ने मीडिया से चर्चा में कहा कि भाजपा शासनकाल में नई आबकारी नीति आई थी। तब से अब तक नीति में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया। ना तो अधिकारी बदले गए और ना ही प्लेसमेंट एजेंसीया और डिस्टलरी आदि में बदलाव किया गया है। सीएम ने आगे कहा कि भाजपा शासनकाल में वर्ष 2017 में आबकारी राजस्व करीब 4 हजार करोड रूपए मिला था। अब बढ़कर 6000 करोड़ हो गया है।
उन्होंने बताया कि आबकारी राजस्व में डेढ़ गुनी बढ़ोतरी हुई है ऐसे में ईडी का आबकारी राजस्व में कमी का आरोप मिथ्या और मनगढ़ंत है।सीएम ने कहा कि महालेखाकार ने भी जांच की थी और आबकारी विभाग को क्लीन चिट दी गई। उन्होंने कहा कि 2 साल पहले फरवरी में आबकारी कारोबार से जुड़े लोगों के यहां आईटी ने छापे मारे थे लेकिन आईटी डिपार्टमेंट ने प्रेस नोट तक जारी नहीं की।
सीएम ने कहा कि 13 मार्च को फिर से छापेमारी की। तब भी प्रेस नोट जारी नहीं किए गए। शर्म के मारे वह नहीं बता पाई कि किसकी कितनी चल – अचल संपत्ति है । उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी के अफसर यहां के लोगों से मारपीट कर रहे हैं।महिलाओं को खाने पीने को नहीं दिया गया। जबरिया हस्ताक्षर लिए गए।
उन्होंने कहा कि कोयला में 5 सौ करोड़ और आबकारी में 2 हजार करोड़ के घोटाले के आरोप लगाया गया है। लेकिन अभी तक किसी की चल अचल संपत्ति को सार्वजनिक क्यों नहीं किया। सीएम ने कहा कि ईडी के सारे आरोप में केंद्र की एजेंसी भाजपा के राजनीतिक एजेंट के तौर पर काम कर रही हैं।