छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा रविवार को ‘कुक’ की भूमिका में नजर आए। उन्होंने हाथ में रागी का पेस्ट लेकर तवे पर हाथ आजमाया और दोसा तैयार किया। साथ ही रागी और कोदो से तैयार किए गए अलग-अलग व्यंजनों का स्वाद भी लिया। मौका था उत्तर छत्तीसगढ़ के पहले मिलेट कैफे ‘सेहत बजार’ के लोकार्पण का। बलरामपुर में खुले इस कैफे का उद्घाटन कवासी लखमा और कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने किया। मिलेट कैफे की शुरुआत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी योजना मिलेट मिशन के तहत की जा रही है।
छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा रविवार को ‘कुक’ की भूमिका में नजर आए। उन्होंने हाथ में रागी का पेस्ट लेकर तवे पर हाथ आजमाया और दोसा तैयार किया। साथ ही रागी और कोदो से तैयार किए गए अलग-अलग व्यंजनों का स्वाद भी लिया। मौका था उत्तर छत्तीसगढ़ के पहले मिलेट कैफे ‘सेहत बजार’ के लोकार्पण का। बलरामपुर में खुले इस कैफे का उद्घाटन कवासी लखमा और कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने किया। मिलेट कैफे की शुरुआत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी योजना मिलेट मिशन के तहत की जा रही है।
कवासी ने बनाया दोसा
मंत्री कवासी लखमा ने एक बार फिर अपने अनोखे अंदाज से वहां पर मौजूद लोगों का दिल जीत लिया। मिलेट कैफे के लोकार्पण पर आए मंत्री कवासी लखमा ने ना सिर्फ मिलेट कैफे मे बने स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद लिया, बल्कि उन्होंने मिलेट कैफे में रागी डोसा भी बनाया। उनके दोसा बनाने के अनोखे अंदाज ने वहां के लोगों मुस्कराने के लिए मजबूर कर दिया और लोगों ने मंत्री के इस अंदाज की जमकर तारीफ भी की।
मेन्यु में कई व्यंजन
संभाग का पहला सेहत बाजार आज से अस्तित्व में आ गया है, जहां सेहत की कॉम्बो डील जिलेवासियों को मिलेगी। इस सेहत बाजार की खासियत रागी और कोदो निर्मित रागी का डुस्का, इडली, दही बड़ा, सांभर बड़ा, रागी के लड्डू, रागी की कुकीज, इसी प्रकार कोदो की खीर व सिंघाड़े का हलवा जैसे व्यंजन सेहत बाजार में बिक्री किए जाएंगे। जिसका संचालन राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की माँ महामाया महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा किया जा रहा है।
गोबर से निर्मित पेंट यूनिट का लोकार्पण
सुराजी गांव योजना के तहत जिले के बड़कीमहरी में गोबर से निर्मित पेंट यूनिट का लोकार्पण कृषि विकास मंत्री श्रविन्द्र चौबे,आबकारी व मंत्री कवासी लखमा ने किया। बलरामपुर शहरी गौठान में संचालित इस गोबर पेंट यूनिट में तीन महिला स्व सहायता समूह की 30 महिलाएं शामिल है, और प्रतिदिन 800 लीटर पेंट का निर्माण किया जाएगा। जिले के पहले पेंट यूनिट का गोबर पेंट ग्रीन अर्थ एन्ड ग्रीन फुट पेंट (ए एल एफ) के नाम से मार्केट में उपलब्ध होगी।