Retail Inflation: गत फरवरी में खाद्य वस्तुओं की खुदरा महंगाई दर 5.95 प्रतिशत रही जबकि इस साल जनवरी में यह दर छह प्रतिशत थी।
इन दिनों लगातार बढ़ती महंगाई के बीच आज खुदरा महंगाई के भी आंकड़े जारी हो गए हैं। आपको यह जानकर झटका लगेगा कि अभी महंगाई के मोर्चे पर राहत नज़र नहीं आ रही है। ताजा आंकड़े बताते हैं कि यह महंगाई दर अभी 6 फीसदी से उपर रही है लेकिन अब अगले माह अप्रैल में कुछ राहत की आशा की जा सकती है। आगामी अप्रैल में RBI बैंक दर पर फैसला ले सकता है। सब्जी और खाद्य तेल की खुदरा कीमतों में गिरावट के बावजूद फरवरी की खुदरा महंगाई दर फिर से छह प्रतिशत के ऊपर रही। खुदरा महंगाई दर को लेकर आरबीआइ ने अधिकतम सीमा छह प्रतिशत तय की है और फरवरी की खुदरा महंगाई दर 6.44 प्रतिशत रही। जनवरी के मुकाबले महंगाई दर में मामूली कमी आई है, लेकिन छह प्रतिशत से अधिक होने के कारण आगामी अप्रैल में फिर से बैंक दरों में बढ़ोतरी की संभावना बरकरार है। इस साल जनवरी में खुदरा महंगाई दर 6.52 प्रतिशत दर्ज की गई थी।
बाजार पर यह हो सकता है असर
यह बढ़ोतरी जारी रहने पर ग्रामीण इलाके की मांग प्रभावित हो सकती है। जानकारों का कहना है कि मार्च में रबी फसल की आवक शुरू होने से गेहूं के दाम में कमी आएगी। वहीं पिछले दो महीनों से थोक महंगाई दर में लगातार कमी आई है, जिसका असर भी मार्च की खुदरा महंगाई दर पर दिखेगा।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक फरवरी में सब्जी की खुदरा कीमतों में पिछले साल फरवरी के मुकाबले 11.61 प्रतिशत तो वनस्पति और खाद्य तेल की कीमतों में 0.49 प्रतिशत की गिरावट रही। अनाज के दाम में फरवरी महीने में भी राहत नहीं रही और पिछले साल फरवरी के मुकाबले अनाज के दाम में 16.73 प्रतिशत का इजाफा रहा। दूध और दुग्ध उत्पाद में भी 9.65 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही।