रंग-गुलाल से सराबोर हुए रायपुर के होलियारे, यहां लिखा होली से परहेज करने वाले यहां से न गुजरे


 रायपुर समेत पूरे छत्‍तीसगढ़ में बस्‍तर, अंबिकापुर, बिलासपुर, दुर्ग सहित प्रदेश के अलग-अलग हिस्‍सों में लोग रंगो में डूबे हुए हैं।

रायपुर। Holi 2023: राजधानी रायपुर समेत पूरे छत्‍तीसगढ़ में होली की धूम है। बस्‍तर, अंबिकापुर, बिलासपुर, दुर्ग सहित प्रदेश के अलग-अलग हिस्‍सों में लोग रंगो में डूबे हुए हैं। इधर, रायपुर के सदरबाजार में बच्चे, युवा, बुजुर्ग होली की मस्ती में रंगों से सराबोर हो उठे। सराफा मार्केट में सुबह होते ही होली की मौजमस्ती का दौर शुरू हुआ। सदर में प्रवेश करने वाले मार्ग कोतवाली चौक पर ही बैनर में लिख दिया गया था कि जिसे होली से परहेज हों, वे इस मार्ग से न गुजरें। जो भी सदर से निकला वह रंगों से बच नहीं सका। पूरा इलाका होलीमय हो गया। चंग, मृदंग की धुन पर फाग गीत गूंजे। बुजुर्गों ने भी होली का जमकर आनंद लिया।

सेठ नाथूराम की पूजा और डूंडने की रस्म निभाई

इससे पहले सदरबाजार के नाहटा मार्केट में सेठ नाथूराम की प्रतिमा की पूजा-अर्चना की गई। राजस्थानी गीत गाते हुए युवा, बुजुर्गों की टोली ने अनेक घरों में जाकर डूंडने की रस्म निभाई। जिस परिवार में किसी की बहू अथवा संतान के आगमन की पहली होली मनाई जा रही हो, उस परिवार में पहुंचकर डूंडने की परंपरा निभाई गई। उस परिवार की खुशहाली की कामना की गई। परिवारवालों ने डूंडने की रस्म निभाने के लिए घर आई टोली का मिठाई, ठंडाई से स्वागत किया। इसके पश्चात यथाशक्ति भेंट देकर खुशी-खुशी विदा किया।

मंदिरों में गूंजे फाग गीत

पुरानी बस्ती के महामाया मंदिर, बोरियाकला के शंकराचार्य आश्रम, वीआइपी रोड स्थित श्रीराम मंदिर समेत अनेक मंदिरों में होलिका दहन करके भगवान को रंग अर्पित किया गया। इसके पश्चात भजन-कीर्तन और फाग गीतों की धूम मची। राधा-कृष्ण के प्रेम, गोप-गोपियों के होली खेलने से संबंधित फाग गीतों से गायकों ने समां बांध दिया।

 


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