रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा का समापन हो गया। सदन की कार्यवाही का संचालन विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरण दास महंत ने रात्रि 8 बजे तक किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल का भाषण बेहद प्रभावी रहा। आइए जानते हैं कि चर्चा के दौरान सदन में हास.परिहास के कौन से दृश्य निर्मित हुए और एक दूसरे पर किसने क्या कटाक्ष किए।
प्रमुख झलकियां :
विधायक इंदुमन बंजारे ने सीएम के सामने आवाज़ उठाई कि उनके इलाके में कई परिवार का बिजली बिल 400 से बढ़कर 4000 रुपए हो गया है।
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल अपना भाषण दे रहे थे तो मंत्री कवासी लखमा ने चुटकी ली कि इनका भाषण सुनने के लिए इनके ही विधायक गायब हैं।
मंत्री शिव डहरिया ने विपक्ष पर चुटकी ली कि अब तो विपक्ष के पास कुछ बोलने को बचा ही नहीं है तो अजय चंद्राकर ने मुस्कुराते हुए कहा- तोर वसूले के तो बचे हे. इस पर विधायक कुलदीप जुनेजा ने चुटकी ली कि 15 साल का भी बता दो।
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने अपने भाषण में खुलासा किया कि मुख्यमंत्री आजकल अजीब-अजीब सी मांग मान लेते हैं उन्होंने बताया कि जनता से मुलाकात के दौरान जब एक शख्स ने सीएम से कहा कि हमारे गांव में नदी नहीं है तो सीएम ने जवाब दिया कि नदी भी बनवा दूंगा। इस पर सदन में ठहाके लग गए।
नेता प्रतिपक्ष के भाषण के दौरान मंत्री उमेश पटेल ने चुटकी ली कि आप गलत बोल रहे हैं किसानों का पैसा टूटकर टुटुकर नहीं एक साथ उनके अकाउंट में जाता है, इसे सुधार लेवें।
धमतरी विधायक श्रीमती रंजना साहू का भाषण भी आज प्रभावी रहा। उन्होंने सधे हुए अंदाज में अपनी बात रखी और सरकार को कई मुद्दों पर घेरा और खिंचाई भी की। भाजपा प्रवक्ता बनने के बाद उनकी वाक्पटुता देखते ही बनती है।
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने यह कहते हुए सरकार में सनसनी फैला दी कि धान उत्पादन का आकड़ा इतना फर्जी है कि किसानों के खेत तक गायब हो गए। इस पर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने चंदेल को चुनौती दी कि ऐसे एक किसान का नाम बता दीजिये। इस पर चंदेल आगे बढ़ गए।
नेता प्रतिपक्ष चंदेल भाषण दे रहे थे तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खड़े होकर चुटकी ली कि अपने नेता का भाषण को उनके ही विधायक गंभीरता से नहीं ले रहे। अजय चंद्राकर बृजमोहन जी बात करने में लगे हैं, बाकी विधायक गायब हैं।
नेता प्रतिपक्ष चंदेल को जब भाषण देते हुए एक घंटा होने को आया तो विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने चुटकी ली कि अगर आपको एक घंटा पूरा हो गया तो सीएम का यह कथन सही साबित हो जाएगा कि नेता प्रतिपक्ष के रूप में यह आपका पहला भाषण है। सीएम ने इस पर फिर से चुटकी ली कि मैं नेता प्रतिपक्ष के लंबे कार्यकाल की कामना करता हूं, कहीं ऐसा ना हो कि चुनाव होते तक फिर से नेता बदल जाये।
कांग्रेस विधायक अमितेश शुक्ला जब सदन में हाजिर हुए इस पर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने चुटकी लेते हुए कहा कि इस सरकार के पहले पंचायत मंत्री यहां उपस्थित हैं उनसे पूछा जा सकता है इस पर मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि अमितेश पहले हैं और आप दूसरे पंचायत मंत्री हैं अजय चंद्राकर यहीं नहीं रुके उन्होंने अमितेश पर चुटकी लेते हुए कहा कि अमितेश जी फ्लाइट में भी खूब धक्के खाते हैं इस ओर शुक्ल ने कहा कि आप वहां क्या कर रहे थे!
सदन में आज सीएम भूपेश बघेल के सूझबूझ की खासी तारीफ हुई। दरअसल जब तक विधायक और नेता प्रतिपक्ष बोलते रहे तो सीएम पूरे दो घंटे तक उन्हें सुनते रहे लेकिन जैसे ही सीएम के भाषण की बारी आई तो भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने मुद्दा उठाया किस सदन में राज्यपाल के अधिकारों पर चर्चा नहीं हो सकती. उनका साथ देने के लिए विधायक अजय चंद्राकर और नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल और विधायक शिवरतन शर्मा भी खड़े हो गए। 10 मिनट में ही सभी भाजपा विधायकों ने सदन का बहिष्कार कर दिया और अंत तक नही आए। भाजपा विधायकों का आरोप था कि सीएम राज्यपाल के अधिकारों पर सदन में चर्चा कर रहे हैं जोकि गलत है। इस पर सीएम ने कहा कि शुरुआत भाजपा की तरफ से हुई थी। जब राज्यपाल अभिभाषण दे रहे थे तो इस दौरान राज्यपाल को लेकर कई सवाल भाजपा विधायकों ने खड़े किए थे, उन्हीं सवालों का जवाब मैं दे रहा हूँ। इसके लिए मुझे कोई रोक नहीं सकता, यह मेरी जिम्मेदारी है। विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने भी यही तर्क देकर भाजपा विधायकों को समझाने की कोशिश की लेकिन भाजपा विधायक नहीं माने और सदन से बहिर्गमन कर गए। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष से लेकर भाजपा विधायकों के फैसले पर सवालिया निशान लग गए।
विधानसभा में आज मुख्य सचिव आईएएस अमिताभ जैन, प्रमुख सचिव आईएएस सुब्रत साहू, सचिव आईएएस आलोक शुक्ला, डीजीपी आईपीएस अशोक जुनेजा, आईजी आईपीएस अजय यादव, आईएएस भारती दासन सहित अनेक अफसर मौजूद थे जो सीएम का भाषण सुन रहे थे।