रायपुर । प्रदेश की विधानसभा के बजट सत्र में दूसरे दिन काफी हंगामा हुआ। जल जीवन मिशन, बस्तर में भाजपा के नेताओं की हत्या और कानून व्यवस्था पर भाजपा के विधायकों ने जबरदस्त हंगामा किया। वाॅकआउट किया, वेल में जाकर नारे बाजी करने लगे। दूसरे दिन की कार्रवाई में अनियमित कर्मचारियों से जुड़ा अहम जिक्र हुआ।
प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नियमितीकरण पर सदन में लिखित जवाब दिया है। विधायक प्रीतम राम ने सवाल भेजा था कि प्रदेश में कार्यरत अनियमित, संविदा, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने के लिए क्या कोई समिति का गठन किया गया है। यदि हां तो इनके सदस्य कौन कौन है कब-कब बैठकें हुई और समिति द्वारा क्या अनुशंसा की गई?
इसका जवाब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लिखित में दिया है] उन्होंने बताया कि सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश के अनुसार प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग तथा सार्वजनिक उपक्रम विभाग के अफसरों की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है । इसमें वित्त विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, आदिम जाति अनुसूचित जाति विकास विभाग जैसे विभागों के सचिव स्तर के अफसर अफसर सदस्य हैं। साल 2022 के 16 अगस्त को बैठक की गई और इसमें 5 बिंदुओं पर जानकारी सरकार के सभी विभागों से मांगी गई।
विभागों में पदस्थ अनियमित दैनिक वेतन भोगी संविदा पर काम करने वाले कर्मचारियों का क्या खुले विज्ञापन भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से नियुक्ति की गई है ?
क्या कर्मचारी, पद में निर्धारित शैक्षणिक तकनीकी योग्यता रखते हैं ?
क्या कार्यरत कर्मचारी जिस पद पर काम कर रहे हैं क्या वह पद संबंधित विभाग के पद संरचना भर्ती नियम में स्वीकृत है ?
क्या शासन द्वारा जारी आरक्षण नियमों का पालन किया गया है ?
अनियमित दैनिक वेतन भोगी संविदा पर काम कर रहे लोग वर्तमान में क्या मानदेय भुगतान किया जा रहा है और उन पदों पर नियमित लोगों का क्या वेतनमान है ?
यह जानकारी मांगी गई, मुख्यमंत्री ने बताया है कि इसकी जानकारी 24 डिपार्टमेंट से मिल गई है, 22 विभागों से यह जानकारी नहीं मिली है । मुख्यमंत्री ने इसके आगे अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने को लेकर कहा कि शासन स्तर पर दैनिक वेतन भोगी, अनियमित और संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण किए जाने की विधिवत कार्यवाही की जा रही है समय सीमा बता पाना संभव नहीं है।