छत्तीसगढ़ के बालौद जिले की 7 वीं की छात्रा नरगिस खान इन दिनों पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बनी हुई हैं. ऐसी होनहार छात्रा जिसने 7 वीं कक्षा में पढ़ाई की मगर अब दसवीं बोर्ड की परीक्षा दे रही है. होनहार नरगिस को 10वीं की बोर्ड परीक्षा देने से पहले एक टेस्ट पास करना पड़ा जिसके बाद उन्हें 10वीं बोर्ड की परीक्षा विधिवत रूप से देने की अनुमति दी गई.
जब मन में कोई ठान ले और आगे बढ़ने की ललक और लगन हो तो मंजिल तक जाने किसी व्यक्ति को कोई नहीं रोक सकता. इसका उदाहरण है 13 साल की बच्ची नरगिस जिसने 10वीं की बोर्ड परीक्षा दी है. बालोद जिले के घुमका गांव की रहने वाली नरगिस खान का सपना पूरा हुआ. उन्होंने गुरुवार को छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से आयोजित दसवीं की बोर्ड परीक्षा में हिस्सा लिया. स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में सातवीं की कक्षा में अध्ययनरत है, लेकिन कोरोना काल दौरान वह सातवीं की परीक्षा की तैयारी के साथ ही दसवीं की परीक्षा की भी तैयारी करने लगी.
दसवीं की पुस्तकों की पढ़ाई करने के दौरान उन्हें यह महसूस हुआ कि वह दसवीं की परीक्षा दे सकती हैं. फिर उनके परिजनों ने उनका हौसला बढ़ाते हुए राज्यपाल, मुख्यमंत्री, कलेक्टर सहित तमाम दफ्तरों में जाकर दसवीं की परीक्षा देने की अनुमति मांगी. जहां छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने कार्यपालिक और वित्त समिति की बैठक में नरगिस का आइक्यू लेवल टेस्ट करने के बाद उन्हें दसवीं की परीक्षा दिलाने के लिए अनुमति दे दी गई. गुरुवार को छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से आयोजित दसवीं की परीक्षा को नरगिस खान ने दिलाया और खुशी जताई.
छात्रा नरगिस खान ने बोर्ड एग्जाम देने के बाद कहा कि एग्जाम कठिन नहीं लगा. वैसे कोई एग्जाम कठिन नहीं होता है. मैं बोर्ड के दूसरे विषयों के एग्जाम की तैयारी कर रही हूं और तैयारी हो गई है बस रीविजन करना है. उन्होंने कहा कि मुझे बड़े लोगों के साथ एग्जाम देना अच्छा लगा. 10वीं के बाद में गणित की तैयारी करूंगी और मैं आईएएस बनना चाहती हूं.