व्यक्ति की तस्वीर को डेटा बैंक में भेजा जाएगा और टिकट का मिलान किए जाने के बाद उसे अनुमति दी जाएगी।
अगर आप तिरुपति मंदिर जाने के इच्छुक हैं या वहां नियमित रूप से जाते हैं तो यह खबर आपके बहुत काम की है। असल में अब वहां नई व्यवस्था लागू होने जा रही है। अब वहां आने वाले हर भक्त के चेहरे की तस्वीर खींची जाएगी और उसे रिकॉर्ड में रखा जाएगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि अगली बार से कोई दोबारा आता है तो उसकी पहचान हो सकेगी। मंदिर सेवाओं के दुरुपयोग को रोकने के उद्देश्य से तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) यहां विश्व प्रसिद्ध भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में चेहरे की पहचान तकनीक की शुरुआत कर रहा है।
नई तकनीक ऐसे काम करेगी
नई तकनीक का प्रयोग सर्व दर्शनम, टोकन रहित दर्शन (पवित्र यात्रा), लड्डू वितरण, आवास आवंटन प्रणाली, सावधानी जमा रिफंड और टीटीडी के अन्य लोगों द्वारा किया जाएगा, जो मंदिर के आधिकारिक संरक्षक हैं, जहां भक्त पूरे वर्ष भर आते हैं। मंदिर के एक अधिकारी ने कहा कि टीटीडी एक मार्च से वैकुंठम-2 और एएमएस प्रणाली में प्रायोगिक आधार पर चेहरे की पहचान तकनीक पेश करने को तैयार है।
डेटा बैंक के साथ होगा मिलान
इस नई पहल के तहत टीटीडी के मुख्य सतर्कता और सुरक्षा अधिकारी डी नरसिम्हा किशोर ने कहा कि गलत पहचान और सेवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं का नामांकन करते समय डेटा बैंक के साथ मिलान करने के लिए प्रवेश बिंदु पर प्रत्येक तीर्थयात्री की तस्वीर ली जाएगी।
जांच के बाद ही दर्शन की अनुमति
पहली यात्रा के बाद उस विशेष तीर्थयात्री को बाद की हर यात्रा के दौरान आसानी से पहचाना जा सकता है। किशोर ने कहा कि जब तीर्थयात्री दूसरी बार मंदिर में प्रवेश करते हैं, तो चेहरे की पहचान के साथ व्यक्ति की जांच की जाएगी। व्यक्ति की तस्वीर को डेटा बैंक में भेजा जाएगा और टिकट का मिलान किए जाने के बाद उसे अनुमति दी जाएगी। अन्यथा यह गलत पहचान का संकेत होगा।