राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट को चुनाव आयोग का फैसला मानने की सलाह दी है।
मुंबई, चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना करार देते हुए पार्टी का चुनाव चिह्न आवंटित कर दिया है। इसके बाद से उद्धव ठाकरे गुट में हड़कंप की स्थिति है। उद्धव ठाकरे कह चुके हैं कि वे इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। वहीं उद्धव ने शनिवार को अपने समर्थक नेताओं की बड़ी बैठक बुलाई है।
शरद पवार ने दी उद्धव को फैसला मानने की सलाह
इस बीच, राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट को चुनाव आयोग का फैसला मानने की सलाह दी है। उन्होंने कहा, एक बार जब फैसला सुना दिया गया, तो कोई चर्चा नहीं हो सकती। नए चुनाव चिह्न को स्वीकार कीजिए। पुराना चुनाव चिह्न नहीं रहने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। 1978 में इंदिरा गांधी को नया चुनाव चिह्न लेना पड़ा था। पार्टी के चुनावी प्रदर्शन पर इसका कोई असर नहीं पड़ा।
उद्धव ठाकरे अब क्या करेंगे
उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि अब अपने देश में तानाशाही की शुरुआत हो गई है। प्रधानमंत्री अब इसकी औपचारिक घोषणा कर दें तो अच्छा है। उद्धव ने कहा कि हम चुनाव आयोग के इस फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।उद्धव ने इसे चोरी करार देते हुए कहा कि वे बालासाहब को चुराना चाहते हैं। पार्टी चुराना चाहते हैं। चुनाव चिह्न चुराना चाहते हैं।
उद्धव ठाकरे ने चुनाव चिह्न की प्रतिमा दिखाते हुए कहा कि बालासाहब ठाकरे इस धनुष-बाण की पूजा किया करते थे। उन लोगों ने (शिंदे गुट ने) कागज पर चुनाव चिह्न चुरा लिया होगा। असली चुनाव चिह्न हमारे पास है। इसकी ताकत उन्हें चुनाव के दौरान दिखाई देगी।
उद्धव के अनुसार, जिस जल्दबाजी में उन्होंने हमारा धनुष-बाण चिह्न और पार्टी का नाम छीना है, उससे यह अनुमान लग रहा है कि दो-तीन महीने में ही मुंबई महानगरपालिका के चुनाव होने वाले हैं। भाजपा किसी भी कीमत पर बीएमसी चुनाव जीतकर अपने दिल्ली नेतृत्व को खुश करना चाहती है।