पाकिस्तान का आर्थिक संकट भारत के लिए भी होगा खतरनाक, विश्लेषकों ने दी चेतावनी


महंगाई और कर्ज के तले दबा पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है. पाकिस्तान के लिए मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं. देश में घटते विदेशी मुद्रा भंडार के बीच पूरे पाकिस्तान में अफरा-तफरी का माहौल नजर आ रहा है. सरकारी खाद्य वितरण केंद्रों पर राशन पाने के लिए लोगों के बीच मारामारी मची हुई है.

पाकिस्तानी रुपया 50 प्रतिशत गिरकर एक डॉलर के मुकाबले 260 पाकिस्तानी रुपये हो गया है. हालत यह है कि पाकिस्तान इंटरनेशनल ‘बास्केट केस’ (ऐसा देश जिसकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो) बनने की ओर अग्रसर है. भारतीय विश्लेषकों ने आशंका जताई है कि पाकिस्तान में जारी आर्थिक संकट भारत समेत पूरे क्षेत्र के लिए खतरनाक परिणाम ला सकता है.

गंभीर आर्थिक संकट के बीच शहबाज शरीफ सरकार ने बेल-आउट पैकेज लोन के लिए आईएमएफ (अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष) से बातचीत शुरू कर दी है. हालांकि विश्लेषकों का कहना है कि यह लोन राजनीतिक रूप से कठिन शर्तों के साथ ही संभव है. आईएमएफ की शर्तों की वजह से जनता पर महंगाई का बोझ बढ़ना तय है.

जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश

भारतीय विश्लेषकों का कहना है कि आईएमएफ की शर्तों को मानने से पाकिस्तान में ना केवल चरमपंथ और राजनीतिक अस्थिरता बढ़ेगी बल्कि जनता का ध्यान हटाने के लिए पाकिस्तान कोई अप्रत्याशित कार्रवाई भी कर सकता है. इसमें दूसरे देशों से दुश्मनी पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश भी शामिल हो सकती है.

 


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