Pak on Kashmir Issue: भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि किसी अन्य देश के पास इस पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।
पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दा उठाया है। साथ ही अमेरिका से मध्यस्थता की मांग की है। पाकिस्तान के विदेश विभाग ने शुक्रवार को कहा कि उसने क्षेत्र में शांति को बढ़ावा देने में भूमिका निभाने वाले अंतरराष्ट्रीय समुदाय का हमेशा स्वागत किया है, जिसमें कश्मीर सहित प्रमुख मुद्दों के समाधान के लिए भारत के साथ बातचीत को सुगम बनाना शामिल है। विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने इस्लामाबाद में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, पाकिस्तान-भारत के संबंधों और अमेरिका सहित तीसरे पक्षों के हस्तक्षेप के संबंध में पाकिस्तान ने हमेशा ही कहा है कि हम कश्मीर विवाद सहित मुख्य मुद्दों के समाधान के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय का स्वागत करेंगे।
भारत कश्मीर मुद्दे पर किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को पहले ही खारिज कर चुका है। भारत ने कहा है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग हैं और हमेशा रहेंगे। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि किसी अन्य देश के पास इस पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।
कश्मीर मुद्दा: कई बार मात खा चुका पाकिस्तान
हाल के दिनों में कश्मीर मुद्दे पर भारत की रुक मजबूत हुआ है। दुनिया के तमाम बड़े देशों ने भारत के इस रुख का स्वागत किया है कि यह दो देशों की बीच का मुद्दा है और इसे दोनों को मिलकर ही हल करना चाहिए।
कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद भी पाकिस्तान ने खुब हल्ला मचाया, लेकिन भारत ताकतवर साबित हुआ। किसी बड़े देश ने पाकिस्तान की हाय तौबा को तवज्जो नहीं दी।
इमरान खान सरकार में यही हुआ और अब शाहबाज शरीफ के प्रधानमंत्री बनने के बाद भी यही हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब राष्ट्रपति रहते डोनाल्ड ट्रम्प से मिले थे, तब भी मध्यस्थता का मुद्दा उठा था और पीएम मोदी ने दो टूक लहजे में कहा था कि यह द्विपक्षीय मामला है।
इसके बावजूद पाकिस्तान मध्यस्थता की बात कर रहा है। वह भी जब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में लगातार विद्रोह हो रहा है। लोग परेशान हैं और भारत की नीतियों की तारीफ कर रहे हैं।