भोपाल, 13 साल में बाघों की संख्या बढ़ाकर दोगुना से अधिक करने पर मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र पेंच टाइगर रिजर्व को संयुक्त रूप से टाइगर कंजर्वेशन पुरस्कार के लिए चुना गया है। जबकि बाघ संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को उत्कृष्टता पुरस्कार दिया जाएगा। यह पुरस्कार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इंटरनेशनल यूनियन फार कंजर्वेशन आफ नेचर (आइयूसीएन) और वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) संस्था संयुक्त रूप से देती हैं। पुरस्कार कब दिया जाएगा, इसकी अभी सूचना नहीं दी गई है।
पेंच टाइगर रिजर्व ने संयुक्त रूप से बाघों की संख्या में वृद्धि के लिए नामांकन किया था। जिसमें बताया गया कि पार्क के महाराष्ट्र राज्य के क्षेत्र में वर्ष 2008-09 में नौ बाघ थे, जो वर्ष 2021 में बढ़कर 44 हो गए हैं। जबकि पार्क के मध्य प्रदेश वाले हिस्से में वर्ष 2006 में 33 बाघ थे, जो वर्ष 2018 में बढ़कर 87 हो गए।
पुनर्निमाण का शानदार उदाहरण
दोगुना से अधिक बाघ होने पर संस्थाओं ने इस पार्क को टाइगर कंजर्वेशन पुरस्कार के लिए चुना है। ऐसे ही बेहतर प्रबंधन के कारण सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या तीन गुना तक पहुंच गई है। वर्ष 2010 में पार्क में 13 बाघ थे, जो बढ़कर वर्ष 2021 में 48 हो गए। संस्थाओं ने इसे पुनर्निर्माण (रिवाइल्डिंग) का शानदार उदाहरण माना है।