रायपुर, राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष अजय सिंह ने कहा कि सतत विकास लक्ष्य की प्राप्ति के लिए योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन किया जाए। उन्होंने कहा कि योजनाओं की निगरानी, निरंतर सुधार और कमियों की पहचान करते हुए संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग के माध्यम से लक्ष्य हालिस किया जा सकता है।
श्री सिंह आज सरगुजा जिला मुख्यालय में योजना आयोग द्वारा आयोजित डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क पर आधारित एसडीजी डैश बोर्ड के संबंध में एक दिवसीय संभाग स्तरीय प्रशिक्षण सत्र को संबोधित कर रहे थे।
राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री अजय सिंह ने कहा कि प्रशिक्षण सत्र में कहा कि एसडीजी लक्ष्य की प्राप्ति एक दृढ़ मैराथन है, जहां सफलता केवल साक्ष्य आधारित योजनाएं, निगरानी, निरंतर सुधार और कमियों की पहचान करते हुए संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग के माध्यम से ही प्राप्त की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने-अपने विभाग में संचालित योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन एवं प्रगति लाकर लक्ष्य हासिल कर सकते है। उन्होंने बताया कि राज्य योजना आयोग द्वारा संबंधित सभी विभागो के साथ समन्वय कर तैयार किये गये डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क’’ को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अगस्त 2022 में जारी किया था। यह अपेक्षित किया गया था कि विभागीय व जिला प्रशासन के अधिकारी इसके आधार पर प्रभावी अनुश्रवण व अनुशीलन करेंगे।
डी.आई.एफ. में कुल 82 इंडिकेटर्स का समावेश किया गया है। जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में ’’जिला स्तरीय एस.डी.जी. क्रियान्वयन एवं निगरानी समिति’’ भी छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गठित की गयी है। डैशबोर्ड का उपयोग विभागीय अधिकारी एवं जिला प्रशासन के अधिकारी योजनाओं के अनुश्रवण हेतु एक प्रभावी ‘’टूल’’ के रूप में कर सकेंगे।
संभागायुक्त डॉ. एस. अलंग ने कहा कि राज्य योजना आयोग द्वारा तैयार किया गया ’’डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क’’ बहुत उपयोगी फ्रेमवर्क है, जो वैश्विक एस.डी.जी. लक्ष्यों को जिलो में प्रभावी रूप से लागू करने में सहायक होगा। फ्रेमवर्क को ध्यान में रखते हुए सभी संबंधित विभागो के जिला अधिकारी उनके विभाग की योजनाओं का प्रभावी रूप से मॉनिटरिंग कर सकेंगे।
’’एस.डी.जी. डैशबोर्ड’’ के माध्यम से फ्रेमवर्क के इंडिकेटर्स अंतर्गत प्राप्त प्रगति परिलक्षित हो सकेगी। जिलों को स्कोर व रैंकिंग प्रदान की जाएगी। जिससे प्रतिस्पर्धात्मक परिवेश में अंतिम व्यक्ति तक योजनओं का लाभ प्रदाय करने में तत्परता से कार्य होगा।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विश्वदीप ने कहा कि डी.आई.एफ. में इंडिकेटर्स सामाजिक, आर्थिक व पर्यावरणीय पहलुओं पर मुख्यतः केन्द्रित है जिनमें प्रगति लाने से सामाजिक-आर्थिक विकास होना सुनिश्चित है। ’’एस.डी.जी. डैशबोर्ड’’ के माध्यम से प्रत्येक लक्ष्य विरूद्ध प्रगति की जानकारी त्वरित रूप से प्राप्त होगी।
राज्य योजना आयोग के संयुक्त संचालक डॉ. नीतू गौरडिया द्वारा ’’डी.आई.एफ.’’ ’’एस.डी.जी. डैशबोर्ड’’ तथा डाटा की महत्ता संबंध में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी गयी तथा प्रतिभागियों की पृच्छता का समाधान भी किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में संभाग अन्तर्गत जिलों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, डी.एफ.ओ., संबंधित विभागों के जिला अधिकारी तथा जिला योजना एवं सांख्यिकी अधिकारी उपस्थित थे।