प्रदेश में आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित 29 विधानसभा सीट में से 27 कांग्रेस के पाले में आई। कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो वरिष्ठता के आधार पर आदिवासी वर्ग से डा प्रीतम राम, चिंतामणि महाराज, रामपुकार सिंह, लखेश्वर बघेल का नाम उपाध्यक्ष पद की दौड़ में है।
रायपुर, विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी के निधन के बाद उपाध्यक्ष पद रिक्त हो गया है। भानुप्रतापपुर उपचुनाव का परिणाम गुरुवार को आ जाएगा। इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक इस पद पर पहुंचने के लिए जोड़ तोड़ शुरू करेंगे। कांग्रेस ने एक दिन पहले ही प्रदेश प्रभारी को बदला है। पीएल पुनिया की जगह कुमारी सैलजा को प्रदेश प्रभारी बनाया है। सैलजा के सामने दावेदार सक्रियता से अपना पक्ष रखने की तैयारी में हैं। विधानसभा अध्यक्ष पद पर ओबीसी वर्ग के डा चरणदास महंत है। मनोज मंडावी बस्तर और आदिवासी समाज से आते हैं। वर्तमान परिस्थिति में वरिष्ठता के आधार पर बस्तर का कोई भी विधायक उपाध्यक्ष बनने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में सरगुजा के आदिवासी विधायकों की लाटरी खुल सकती है।
कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो प्रदेश में सरकार बनाने में आदिवासी वर्ग के विधायकों की संख्या ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित बस्तर की सभी विधानसभ्ाा सीट पर कांग्रेस को जीत मिली थी। सरगुजा में भी आदिवासी समाज ने कांग्रेस के पक्ष में समर्थन दिया और सभी सीट पर कांग्रेस की जीत हुई।
प्रदेश में आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित 29 विधानसभा सीट में से 27 कांग्रेस के पाले में आई। दो सीट रामपुर से ननकीराम कंवर और बिंद्रानगवागढ़ से डमरुधर पुजारी की जीत हुई थी। कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो वरिष्ठता के आधार पर आदिवासी वर्ग से डा प्रीतम राम, चिंतामणि महाराज, रामपुकार सिंह, लखेश्वर बघेल का नाम उपाध्यक्ष पद की दौड़ में है।
इसके साथ ही सामान्य और पिछड़ा वर्ग से दावेदार भी सामने आ रहे हैं। वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष धनेंद्र साहू सहित अन्य दावेदार हैं। प्रदेश में एक साल बार विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में कांग्रेस पार्टी चुनावी समीकरण को देखते हुए नए उपाध्यक्ष का चयन होगा।