रामगढ़ महोत्सव का समापन, वित्त मंत्री बोले- सरगुजा-बस्तर प्राथमिकता, कालिदास की स्मृति को करेंगे संरक्षित


छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ने रामगढ़ महोत्सव के समापन पर सरगुजा-बस्तर के विकास को प्राथमिकता बताया। कालिदास की स्मृति को संजोने और महोत्सव को नियमित करने के लिए बजट प्रावधान का आश्वासन दिया।

दो दिवसीय रामगढ़ महोत्सव के समापन समारोह में छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी व सरगुजा के प्रभारी मंत्री ने कहा कि सरगुजा और बस्तर उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि वित्त मंत्री के रूप में अपने पहले बजट में उन्होंने सरगुजा और बस्तर जैसे विकास से वंचित क्षेत्रों के लिए कई प्रावधान किए। भविष्य में भी इन क्षेत्रों के विकास के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि रामगढ़ के लिए जिला प्रशासन जो भी प्रस्ताव देगा, उस दिशा में कार्य होगा। महाकवि कालिदास ने यहीं मेघदूत की रचना की थी और इस पावन स्मृति को स्थानीय लोगों ने संजोकर रखा है। सरकार रामगढ़ महोत्सव को नियमित आयोजन बनाने के लिए बजट में प्रावधान करेगी, ताकि भविष्य में भी यह आयोजन भव्य रूप से हो सके।

वित्त मंत्री ने बताया कि 16 वर्ष पहले वे सरगुजा जिला पंचायत के सीईओ थे और यहां आना उनके लिए पुराने गांव में लौटने जैसा है। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ वर्ष में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में 18 लाख गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए, 70 लाख महिलाओं को महतारी वंदन योजना के तहत प्रतिमाह 1,000 रुपये दिए जा रहे हैं और किसानों से 3,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदा गया है।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सजी शाम
रामगढ़ महोत्सव के समापन पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों में विभिन्न कलाकारों और स्कूली छात्र-छात्राओं ने शानदार प्रस्तुतियां दीं। खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय के मोक्षम ग्रुप ने श्री राम स्तुति पर मंत्रमुग्ध करने वाली प्रस्तुति दी। छात्र-छात्राओं ने श्री राम और केवट संवाद को नाटक के माध्यम से जीवंत रूप में प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया। विभिन्न नृत्य शैलियों और नाटकों के जरिए देश की कला और संस्कृति को प्रदर्शित किया गया, जिसने देर रात तक दर्शकों को बांधे रखा।

 


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