नेहरू आर्ट गैलरी में छत्तीसगढ़ के प्रतिभावान कलाकारों की कलाकृतियों की समूह प्रदर्शनी का उदघाटन


भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र के जनसंपर्क विभाग द्वारा नेहरू आर्ट गैलरी, इंदिरा प्लेस, सिविक सेंटर, भिलाई में 16 जून को छत्तीसगढ़ राज्य के प्रतिभाशाली चित्रकारों एवं शिल्पकारों की कलाकृतियों की एक विशेष समूह प्रदर्शनी का भव्य उद्घाटन किया गया। इस तीन दिवसीय प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य महाप्रबंधक प्राभारी (सिंटर संयंत्र) श्री अनूप कुमार दत्त द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया।
इस कलात्मक आयोजन में राज्य के प्रतिभाशाली कलाकार — सुश्री विजया त्रिपाठी, सुश्री करुणा सिदार, सुश्री तृप्ति खरे, सुश्री प्रीति साहू एवं सुश्री निर्वेर साहू द्वारा निर्मित चित्र एवं शिल्प प्रदर्शित किए गए हैं, जिनमें छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत, आधुनिक दृष्टिकोण एवं भावनात्मक अभिव्यक्तियाँ जीवंत रूप में उभरी हैं।

इस अवसर पर महाप्रबंधक (सम्पर्क प्रशासन एवं जनसम्पर्क) श्री अमूल्य प्रियदर्शी, महाप्रबंधक (जनसंपर्क) श्री प्रशांत तिवारी, महाप्रबंधक (सम्पर्क प्रशासन एवं जनसंपर्क) श्री सौमिक डे, आर्ट्स क्लब के पूर्व अध्यक्ष श्री. पी.के नंदी, प्राचार्य (शासकीय संगीत एवं कला महाविद्यालय, दुर्ग) डॉ. ऋचा ठाकुर, वरिष्ठ कलाकारों में श्रीमती विद्या सोनी, श्री मोहन लाल बराल, श्री ज्ञानदेव सिंह, श्री राजेन्द्र सोनगुरिया तथा श्री योगेन्द्र त्रिपाठी सहित जनसंपर्क विभाग एवं अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

प्रदर्शनी का अवलोकन करने के पश्चात मुख्य अतिथि श्री अनुप कुमार दत्त ने आगंतुक पुस्तिका में अपने उद्गार व्यक्त करते हुए प्रदर्शनी में प्रदर्शित विविधतापूर्ण और रचनात्मक कलाकृतियों, जैसे सिरेमिक आर्ट, जंग लगे धातु से बनी पेंटिंग्स, मशरूम आकृति सिरेमिक कलाकृतियाँ, चॉक आर्ट आदि की भूरी-भूरी प्रशंसा की। उन्होंने इस कला प्रदर्शनी को “अद्भुत” बताया और कहा कि युवाओं की ऐसी प्रतिभा को देखने का अवसर पाकर वे स्वयं को सौभाग्यशाली मानते हैं। श्री दत्त ने जनसंपर्क विभाग के प्रयासों की भी प्रशंसा की जो ऐसे रचनात्मक आयोजनों के माध्यम से भिलाई नगर में कला के प्रति संवेदना को विकसित कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि सुश्री विजया त्रिपाठी, सुश्री करुणा सिदार, सुश्री तृप्ति खरे, सुश्री प्रीति साहू और सुश्री निर्वेर साहू, ये पाँचों कलाकार समकालीन भारतीय कला परिदृश्य में विशिष्ट पहचान रखने वाली प्रतिभाएं हैं। सुश्री विजया त्रिपाठी, ‘लेमन सिरेमिक स्टूडियोÓ की संस्थापक व निदेशक हैं, जिन्होंने सिरेमिक मूर्तिकला और इंस्टॉलेशन में पारंपरिक तकनीकों को आधुनिक दृष्टिकोण से जोड़ा है और अनेक राष्ट्रीय प्रदर्शनियों व कार्यशालाओं में सहभागिता की है। सुश्री करुणा सिदार, इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ से मूर्तिशिल्प में एम.एफ.ए. प्राप्त कर मूर्तिकला के शैक्षणिक और रचनात्मक क्षेत्र में सक्रिय हैं, जिनका कार्य पारंपरिक शिल्प की आत्मा को समकालीन संदर्भों में रूपांतरित करता है। वहीं सुश्री तृप्ति खरे, एक समर्पित सिरैमिक मूर्तिशिल्प कलाकार और अतिथि व्याख्याता हैं, जो विभिन्न राष्ट्रीय कला आयोजनों में भाग लेकर अपनी कलात्मक दृष्टि को विस्तार दे रही हैं। सुश्री प्रीति साहू ग्राफिक्स और प्रिंटमेकिंग की युवा कलाकार हैं, जिन्होंने शांतिनिकेतन से एम.एफ.ए. कर पारंपरिक छपाई तकनीकों को समकालीन संवेदना के साथ प्रस्तुत किया है और देश की कई प्रतिष्ठित प्रदर्शनियों में अपनी उपस्थिति दर्ज की है। सुश्री निर्वेर साहू चित्रकला में एम.एफ.ए. धारक और ग्रामीण संवेदना से जुड़ी एक भावप्रवण चित्रकार हैं, जिनकी कला में प्रकृति, जीवन और विचारों का सजीव संवाद झलकता है। ये सभी कलाकार छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर और आधुनिक कला प्रवृत्तियों के बीच एक सृजनशील सेतु के रूप में कार्य कर रहे हैं। यह तीन दिवसीय प्रदर्शनी 18 जून तक प्रतिदिन सायं 5:30 बजे से रात्रि 8:30 बजे तक आम दर्शकों के लिए खुली रहेगी।


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