Bhilai Cyber Fraud: छत्तीसगढ़ के भिलाई शहर में साइबर ठगी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। नेवई थाना क्षेत्र में रहने वाली नम्रता चंद्राकर ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ अज्ञात लोगों ने उनके पिता को वीडियो कॉल करके खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और मनी लॉन्ड्रिंग के झूठे आरोप लगाते हुए उन्हें डराया-धमकाया।
29 अप्रैल से 29 मई के बीच हुई ठगी
आरोपियों ने उनके पिता को कहा कि उन पर 2 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है और गिरफ्तारी हो सकती है। डर से उन्होंने अलग-अलग बैंक खातों में कुल 54 लाख 90 हजार रुपये जमा कर दिए। यह रकम 29 अप्रैल से 29 मई 2025 के बीच ट्रांसफर की गई थी।
पुलिस की जांच और लखनऊ में दबिश
शिकायत मिलते ही नेवई थाना प्रभारी आनंद शुक्ला और उनकी टीम ने तकनीकी जांच और बैंक डिटेल्स के आधार पर आरोपियों का पता लगाया।
जांच में सामने आया कि चारों आरोपी लखनऊ के रहने वाले हैं। टीम ने लखनऊ जाकर दीपक गुप्ता, राजेश विश्वकर्मा उर्फ राजू पेंटर, कृष्ण उर्फ कृष और शुभम श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया।
खाते में ट्रांसफर की गई रकम और कमीशन
पूछताछ में सामने आया कि राजेश विश्वकर्मा ने अपने यूनियन बैंक खाते का इस्तेमाल करते हुए 9 लाख रुपये की राशि प्राप्त की थी। उसमें से उसने शुभम को 36 हजार रुपये कमीशन में दिए और बाकी रकम अपने साथियों में बांट दी।
ठगी में इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन और आधार कार्ड पुलिस ने जब्त कर लिए हैं।
मास्टरमाइंड अब भी फरार, तलाश जारी
पुलिस का कहना है कि इस साइबर गिरोह का मास्टरमाइंड अब भी फरार है, लेकिन उसकी पहचान हो चुकी है और जल्द गिरफ्तारी की उम्मीद है। पुलिस आरोपियों को रिमांड पर लेकर गहराई से पूछताछ कर रही है।
इस कार्रवाई में उपनिरीक्षक सुरेंद्र तारम, एएसआई रामचंद्र कंवर, प्रधान आरक्षक सूरज पांडेय, आरक्षक रवि बिसाई और साइबर टीम का विशेष योगदान रहा।