प्राइवेट सेक्टर के सबसे बड़े बैंक HDFC के CEO शशिधर जगदीशन पर मेहता फैमिली ने FIR दर्ज कराई है। आरोप हैं कि उन्होंने और अन्य अधिकारियों ने लीलावती ट्रस्ट के फंड में गड़बड़ी की। बैंक का कहना है कि ये आरोप पुराने लोन की वसूली रोकने के लिए लगाए जा रहे हैं, जो 2001 से डिफॉल्ट में है।
देश के सबसे बड़ा प्राइवेट सेक्टर बैंक HDFC को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। बैंक के एमडी, सीईओ शशिधर जगदीशन और बैंक के अन्य अधिकारियों के खिलाफ फाइनेंशियल फ्रॉड से जुड़े आरोपों में एफआईआर (FIR) दर्ज हुई है। हालांकि, बैंक ने इन आरोपों से साफ इनकार किया गया है। आइए जानते हैं पूरा मामला…
लोन विवाद से जुड़ा है मामला
बैंक के अनुसार कहा गया है कि HDFC समेत अन्य बैंकों ने 1995 में Splendour Gems Ltd. को लोन दिया था। Splendour Gems Ltd. कंपनी मेहता परिवार की है और 2001 से लोन चुकाने में असफल रही है। 2004 में Debt Recovery Tribunal (DRT) ने कंपनी से लोन वसूली का आदेश भी दिया था, लेकिन मेहता परिवार ने आज तक रकम नहीं चुकाई है। अब जब बैंक रिकवरी को लेकर सख्त हुआ, तो मेहता फैमिली ने बैंक अधिकारियों को निशाना बनाना शुरू कर दिया।
मेहता परिवार का क्या है पक्ष?
मेहता परिवार के अधीन आने वाली लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट ने आरोप लगाया है कि HDFC बैंक के CEO और अन्य आठ लोगों (जिनमें कुछ पूर्व बैंक कर्मचारी भी हैं) ने ट्रस्ट के फंड्स में गड़बड़ी की, घोटाला किया और पैसों का गलत इस्तेमाल किया। मेहता परिवार की तरफ से CEO को सस्पेंड करने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।