Deputy CM Arun Sao on Kawasi Lakhma Property Attachment : रायपुर। छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले के संबंध में ईडी ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा की संपत्ति कुर्क की है। ED की इस कार्रवाई को कांग्रेस ने राजनीति से प्रेरित बताया था। इस डिप्टी सीएम अरुण साव ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि, ED को जांच में जो तथ्य मिले है यह कार्रवाई उस आधार पर की गई है।
छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि, छत्तीसगढ़ में आपराधिक सिंडिकेट बनाकर 2 हजार करोड़ से ज्यादा का शराब घोटाला किया गया। इस मामले की जांच ईडी कर रही है और जांच में मिले तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। हर कार्रवाई में कांग्रेस एक ही बात कहती है कि, यह कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है।
ये है पूरा मामला
दरअसल, बीते दिन शुक्रवार को ईडी ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले के संबंध में 6.15 करोड़ रुपये की तीन अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। इन संपत्तियों में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा की संपत्ति भी शामिल है। ईडी ने बताया कि, कांग्रेस भवन, सुकमा, कवासी लखमा के नाम पर रायपुर में आवासीय घर और हरीश कवासी (कवासी लखमा के बेटे) के नाम पर सुकमा में आवासीय घर को कुर्क किया गया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), रायपुर जोनल कार्यालय ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले के संबंध में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत 6.15 करोड़ रुपये की तीन अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। जांच के अनुसार, इन इमारतों का निर्माण अपराध की आय (पीओसी) से किया गया पाया गया है और इसलिए उन्हें कुर्क किया गया है। इनमें शामिल है :
- कांग्रेस भवन, सुकमा, छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नाम पर।
- रायपुर में कवासी लखमा के नाम से एक आवासीय मकान।
- सुकमा में हरीश कवासी (कवासी लखमा के बेटे) के नाम से एक आवासीय मकान।
ईडी ने छत्तीसगढ़ राज्य में शराब घोटाले के मामले में आईपीसी, 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत एसीबी/ईओडब्ल्यू छत्तीसगढ़ द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। ईडी की जांच से पता चला कि छत्तीसगढ़ के तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा शराब घोटाले से हर महीने 2 करोड़ रुपये प्राप्त कर रहे थे और इस तरह 36 महीनों में 72 करोड़ रुपये पीओसी प्राप्त कर चुके थे।
जांच के दौरान महत्वपूर्ण सबूत जब्त किए गए, जिनसे पता चला कि कवासी लखमा ने ऊपर बताई गई संपत्तियों के निर्माण में नकदी का उपयोग किया। 68 लाख रुपये की नकदी का उपयोग सुकमा में कांग्रेस भवन के निर्माण में किया गया। 1.40 करोड़ रुपये का उपयोग हरीश लखमा के घर के निर्माण में किया गया और 2.24 करोड़ रुपये का उपयोग रायपुर में उनके अपने घर के निर्माण में किया गया।
कवासी लखमा वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी की जांच से पता चला है कि 2019 से 2022 के बीच चले शराब घोटाले में भ्रष्टाचार के कारण राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और 2161 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की पीओसी उत्पन्न हुई। यहां यह उल्लेख करना उचित है कि उक्त कुर्की लगभग 205 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्तियों की पिछली कुर्की के क्रम में है। आगे की जांच जारी है।