इस्लामाबाद। लश्कर- ए- तैयबा से जुड़ा एक बड़ा आतंकवादी आज पाकिस्तान में ही मारा गया है। इस आतंकी का नाम है सैफुल्लाह उर्फ विनोद कुमार उर्फ मोहम्मद सलीम उर्फ खालीद उर्फ वनियाल उर्फ वाजिद उर्फ सलीम भाई। ये नेपाल में लश्कर- ए- तैयबा का पूरा मॉड्यूल संभालता था, इसका मुख्य काम लश्कर की आतंकवादी गतिविधियों के लिए कैडर और आर्थिक मदद मुहैया कराना था। लश्कर कमांडर सैफुल्लाह का नाम 2006 में RSS मुख्यालय पर हुए आतंकी हमले की साजिश से जुड़ा है।
पिछले काफी समय से ये नेपाल में लश्कर ए तैयबा का काम देख रहा था। इसे आज (रविवार, 18 मई) पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बदीन जिले के माटली तालुका में मार गिराया गया। ये आतंकी सरगना नेपाल के रास्ते लश्कर के आतंकवादियों को भारत में घुसेड़ने का भी काम करता था। सैफुल्लाह लश्कर के ऑपरेशनल कमांडर आजम चीमा उर्फ बाबाजी का खास सहयोगी था।
नेपाल में ये विनाश कुमार के नाम से ऑपरेट कर रहा था और इसने एक नेपाली युवती नगमा बानू से शादी भी कर रखी थी। इसने नागपुर में संघ मुख्यालय पर 2006 में हुए हमले में भी मुख्य भूमिका निभाई थी। इसके अलावा सीआरपीएफ कैंप रामपुर पर 2001 में हुए हमले में भी इसकी बड़ी भूमिका थी।
आईआईएससी बेंगलुरु पर 2005 में हुए हमले की साजिश में भी ये शामिल था। फिलहाल ये पाकिस्तान के सिंध प्रांत के माटली से अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था और लश्कर के लिए लगातार आतंकियों की रिक्रुटमेंट कर रहा था।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में मौजूद लश्कर ए तैयबा के मुख्यालय सहित नौ बड़े आतंकी ठिकानों को हाल ही में तहस- नहस किया और उसके बाद पाकिस्तान के प्रमुख सैन्य ठिकानों को।
ऐसे में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के स्थगन के बाद पाकिस्तान के अंदर ही ढेर हुआ लश्कर का ये आतंकी भारत के लिहाज से महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। प्रधानमंत्री मोदी ने पहले ही कह रखा है कि देश के दुश्मन जहां भी होंगे, वो बचेंगे नहीं। गौरतलब है कि, पिछले चार वर्षों में पाकिस्तान के अंदर ही कई बड़े आतंकी मारे जा चुके हैं, जो भारत में आतंकी गतिविधियों की साज़िश में शामिल रहे हैं।