Chandrayaan-3 Mission: भारत का तीसरा मून मिशन चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) 14 जुलाई को लॉन्च होनेवाला है। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने गुरुवार को आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि की। ISRO का नया हेवीलिफ्ट लॉन्च व्हीकल LVM-3, आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से दोपहर 2:35 बजे उड़ान भरेगा। इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने पिछले महीने बताया था कि वे 13 जुलाई को लॉन्चिंग की सोच रहे हैं लेकिन ये तिथि 19 जुलाई तक जा सकती है। अब उसकी फाइनल डेट सामने आ गई है। ISRO ने SDSC में लॉन्च वाहन LVM3 के साथ चंद्रयान -3 युक्त एनकैप्सुलेटेड असेंबली को इंटीग्रेड कर दिया है और अन्य परीक्षण किये जा रहे हैं।
चंद्रयान-3 मिशन की खासियत
चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 मिशन का ही एक हिस्सा है। इसके तहत रॉकेट की चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग होगी। वैसे, इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने बताया कि यह चंद्रयान-2 की रेप्लिका नहीं है। यान की इंजीनियरिंग एकदम अलग है। इसे पहले के मुकाबले बहुत मजबूत बनाया है, ताकि पुरानी परेशानियां सामने ना आएं। इस साल मार्च में, चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान ने जरूरी परीक्षणों को सफलतापूर्वक पूरा किया, जिससे अंतरिक्ष यान को अपने लॉन्च के दौरान कठोर कंपन और वातावरण का सामना करने की क्षमता की पुष्टि हुई।
पिछले मिशन से सबक
बता दें कि 22 जुलाई, 2019 को चंद्रमा पर भारत का दूसरा मिशन चंद्रयान-2, लॉन्च किया गया था। लेकिन 6 सितंबर की सुबह लैंडिंग के वक्त विक्रम चंद्र लैंडर, सतह से झटके के साथ टकराया था, जिसके बाद पृथ्वी के नियंत्रण कक्ष से उसका संपर्क टूट गया था। इस मिशन के विफल होने के बाद इस बार सॉफ्ट लैंडिंग की तकनीक को बेहतर बनाया गया है। इसके लैंडर के चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित उतरने के बाद उसमें से रोवर निकलेगा और सतह पर चक्कर लगाएगा।