2700 किलो का रोटे का महाभोग, क्रेन की मदद से पकाया, 25 हजार श्रद्धालुओं में बांटा जाएगा


Devipura Balaji Mandir Sikar: राजस्थान के सीकर के देवीपुरा बाजाली मंदिर में 2700 किलो के रोटे का महाभोग लगाया गया। यह रोटे 20 घंटे में बनकर तैयार हुआ। शुक्रवार सुबह 5 बजे बनना शुरू हुआ। करीब 25 हजा श्रद्धालुओं के बीच महाप्रसाद का वितरण किया जाएगा। महाभोग को बेलने और पकाने का काम जोधपुर के पंडित रामदास जी महाराज पुनासर बापजी की देखरेख में किया गया।

दो महीने से चल रही थी तैयारियां

रोटे को बनाने में सवा 11 क्विंटल आटा, ड्राई फ्रूट्स, सूजी और शुद्ध घी का इस्तेमाल किया गया। रोटे को बनाने में 12 लाख का खर्चा आया है। महंत ओमप्रकाश शर्मा ने कहा कि यह विश्व का सबसा बड़ा रोटे है। इससे बनाने के लिए दो महीने से तैयारियां चल रही थीं।

मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़

देवीपुरा बाजाली धाम में शनिवार सुबह रोटे को क्रेन की मदद से भट्ठी से बाहर निकाला गया। इसके बाद ट्रॉली की मदद से रोट को मंदिर परिसर ले जाया गया। रोट की साफ-सफाई के बाद पूजा कर संत रामदास महाराज ने भोग लगाया। हनुमान चालीसा का पाठ और आरती की गई।

जानिए रोटी की विशेषता

रोट की गोलाई 11 फीट और मोटाई 2 फीट है। रोटे का वजन 2700 किग्रा है। 1125 किलो आटा, सवा सौ किलो सूजी, 400 लीटर दूध, 400 लीटर घी और 1100 किलो ड्राई फ्रूट्स के मिश्रण से रोटे बनाया गया। रोटे को भट्ठी पर सेंकने के लिए स्पेशल बेलन और तवा बनवाया गया। तवे का वजन 300 किलो और बेलन का वजन 250 किलो है।

 


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