रायपुर। आबकारी और पर्यावरण विभाग के अधिकारियों को ईडी से बचाने का झांसा देकर ठगी करने वाले दो आरोपितों को पुलिस ने अमरावती से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने अश्वनी भाठिया निवासी कौशल्य विहार अमरावती महाराष्ट्र और निशांत इंगडे निवासी पथरौल तालुआ अमरावती महाराष्ट्र को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपित अश्वनी भाटिया खुद को ईडी के सेंट्रल कमांड का जाइंट डायरेक्टर बताकर अधिकारियों से बात करता था। आरोपित स्वयं को ईडी, ईओडब्ल्यू, आयकर विभाग और एसीबी का अधिकारी होना बताकर देश भर में अधिकारियों को शिकार बनाया है। रायपुर में अलग-अलग आबकारी और पर्यावरण के चार अधिकारियों सहित खरगौन मप्र के भी एक अधिकारी से ठगी की है। आरोपित पर्यावरण संरक्षण मंडल रायपुर के दो अधिकारियों से कुल 10 लाख 60 हजार रुपये की ठगी की है।
छत्तीसगढ़ के आबकारी विभाग में पदस्थ अधिकारी ने थाना राखी में रिपोर्ट दर्ज करवाई कि 16 मई को कार्यालय के लेंडलाइन नंबर पर अज्ञात नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) नई दिल्ली से बात करना बताया। कुछ जानकारियां पूछी गई। उसने फोन पर पूछा कि उपायुक्त आबकारी कौन है, अभी हाल ही में रिटायर्ड उपायुक्त कौन है उनका मोबाइल नंबर पूछने के साथ ही एसएन साहू व रमेश अग्रवाल कौन है उनका मोबाइल नंबर पूछा। जिस पर प्रार्थी द्वारा उक्त सभी जानकारियां अज्ञात व्यक्ति को दे दी। प्रार्थी को ईडी का धौंस दिखाकर लगातार दिखाकर धमकाया जा रहा था। इसी प्रकार पर्यावरण संरक्षण मंडल नवा रायपुर में पदस्थ दो अधिकारियों के द्वारा 18 मार्च को फोन कर पहले डराया गया। इसके बाद बचाने के लिए दोनों से 10 लाख 60 हजार रुपये ले लिए गए।
आरोपितों ने बताया कि आरोपित निशांत इंगडे इंटरनेट के माध्यम से देश के अलग-अलग राज्यों व जिलों में पदस्थ उच्चाधिकारियों का मोबाइल नंबर व उनके कार्यालय का लैंड लाइन नंबर निकालता था। इसके बाद आरोपित अश्वनी भाठिया नंबर में फोन करता था। खुद को अलग-अलग जांच एजेंसी का अधिकारी बताया था। अश्वनी भाठिया अंग्रेजी भाषा में बात करने के साथ ही एक उच्चाधिकारी की तरह बात करता था, जिससे पीड़ित आसानी से उसका शिकार बन जाते थे। उसकी बातों से डर जाते थे। आरोपितों का ईडी सहित उक्त अन्य शासकीय जांच एजेंसियों से कोई संपर्क नहीं है। किसी भी अधिकारी से कोई परिचय या संपर्क नहीं है।
आरोपियों ने छत्तीसगढ़, मप्र के अलावा बिहार, झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं दिल्ली सहित देश भर के विभिन्न राज्यों के कई उच्चाधिकारियों को फोन के माघ्यम से डरा धमकाकर शिकार बनाने की कोशिश की गई। इसमें कई लोग फंस भी गए।