रायपुर। सरकार गठन के बाद कांग्रेस सरकार ने एक ऐसे छत्तीसगढ़ का निर्माण का वादा किया था, जिसमें हाशिये पर खड़े लोगों के साथ न्याय होगा। न्यूनतम आय योजना की संकल्पना को देश के सामने रखी। हमने उनकी इस योजना में न्यूनतम आय के साथ-साथ न्यूनतम आवश्यकताओं को भी शामिल कर लिया। आज स्थिति यह है कि छत्तीसगढ़ नवाचार के क्षेत्र में देश में उदाहरण बन चुका है। बस्तर में बदलाव की बयार है। यह बातें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को नईदिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने कहा कि आर्थिक और सांस्कृतिक विकास के माध्यम से हमने देश में छत्तीसगढ़ के बारे में लोगों की धारणा बदल दी। नक्सलवाद को खत्म करने विकास, विश्वास और सुरक्षा की रणनीति पर काम किया। छत्तीसगढ़ की उद्योग नीति हमने ऐसी बनाई कि एनपीए की आशंका नहीं रही, बल्कि निवेश के लिए सबसे उपयुक्त राज्य बना।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सुकमा में महुआ लड्डू तैयार हो रहा है, जिसकी मांग ब्रिटेन तक है। कोंडागांव के तिखुर शेक की मांग दुबई से आ रही है। सुकमा में ईमली कैंडी तैयार हो रही है। नारायणपुर में फूलझाड़ू तैयार करके महानगरों में भेजा जा रहा है। दंतेवाड़ा में डेनेक्स गारमेंट फैक्टरी लग चुकी है। जिस बस्तर को पहले नक्सलवाद के नाम पर जाना जाता था, आज वहां के उत्पाद वहां की पहचान बन रही हैं। छत्तीसगढ़ में रिवर्स माइग्रेशन हो रहा है। गांवों में सुविधाएं बुनियादी विकसित की गई है। स्वास्थ्य व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए कई बड़े कदम उठाएं गए हैं।
अब शहर से गांव आ रहे लोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले लोग गांव से शहर जाते थे। अब शहर से गांव आ रहे हैं। अब शहरों की सुविधाएं गांव में मिल रही हैं। बुनियादी सारी सुविधाएं अब गांव में मिल रही है, जिससे छत्तीसगढ़ में पलायन रूका है। छत्तीसगढ़ में 44 प्रतिशत जंगल है। यहां लघु वनोपज होते हैं। पहले इसकी उचित कीमत नहीं मिलती थी। हमने उचित कीमत दिलाई। सी-मार्ट के माध्यम से भी इसके वितरण की व्यवस्था कराई। वैल्यू एडिशन से अच्छा पैसा मिल रहा है। इससे आय में अच्छी वृद्धि हो रही है।