मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से गर्मी और लू से बचने की अपील की


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कलेक्टरों को आवश्यक इंतजाम के दिये निर्देश, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा दिशा निर्देश जारी

रायपुर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीते एक सप्ताह से छत्तीसगढ़ में तापमान मे हुई वृद्धि और गर्म हवाओं के थपेड़ों को देखते हुए लोगों को गर्मी और लू से बचने की अपील की है। उन्होंने गर्मी और लू से बचाव के लिए प्रशासनिक स्तर पर सभी आवश्यक इंतजाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिये है। मुख्यमंत्री श्री बघेल के निर्देश के परिपालन में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा प्रदेश के सभी कलेक्टरों को ग्रीष्म ऋतु तथा लू से बचाव के लिए जरूरी कदम उठाने के संबंध में पत्र जारी किया गया है।

पत्र में कलेक्टरों को ग्रीष्म ऋतु को देखते हुए लू से बचाव के संबंध में जिला, तहसील एवं ग्राम पंचायत स्तर पर शिक्षकों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, पंचायत सचिवों और कोटवारों के माध्यम से जन समुदाय को जागरूक करने को कहा गया है। लू- तापघात से बचाव की तैयारी हेतु जिला स्तर पर नोडल अधिकारी भी नियुक्त करने की बात कही गई है। इसके साथ ही सभी प्रमुख विभागों को आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं।

पत्र में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को गर्मी के मौसम में पेयजल आपूर्ति करने के साथ ही एन.जी.ओ. लायंस क्लब, रोटरी क्लबों द्वारा पीने के पानी की व्यवस्था, में आवश्यक सहयोग लेने और शहरी क्षेत्रों में हरित क्षेत्र को बढ़ाने के लिए प्रयास करने कहा गया है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग को सभी अस्पतालों में लू से बचाने के साथ ही लू से पिड़ित लोगों के उपचार के निर्देश दिये गये है। श्रम एवं रोजगार विभाग को गर्मी के समय (दोपहर 12:00 बजे से 3:00 बजे तक) बाहरी काम एवं लू से बचने के लिए कार्यकालीन समय में आवश्यकता अनुसार परिवर्तन करने कहा गया है।

पशु चिकित्सा विभाग को पशुओं को लू से बचाने के लिए अवश्यक दवाईयों के साथ ही चारे पानी का इंतजाम रखने के निर्देश दिये है। परिवहन विभाग को जिलों के मुख्य बस स्टैण्ड/टर्मिनल पर प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा की उपलब्धता सुनिश्चित करने कहा गया है। शिक्षा विभाग को गर्मी के समय में शिक्षण संस्थानों के समय में आवश्यक परिवर्तन और शालाओं मंें शीतल पेयजल/ओ.आर.एस की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये है। इसके साथ ही पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को मनरेगा में काम करने  के लिए कार्य स्थलों पर पीने का पानी एवं छाया की व्यवस्था करने को कहा।

वन विभाग को जंगल की आग से बचने के लिए वन क्षेत्र में निरंतर निगरानी रखने और वन क्षेत्रों के जंगली जानवरों एवं पक्षियों के लिए पेयजल की व्यवस्था करने को कहा गया है। जल संसाधन विभाग को गर्मी को देखते हुए ट्यूबवेलों की मरम्मत तथा राज्य में किसी भी स्थान पर जल संकट होने की स्थिति में त्वरित कार्यवाही के लिये उपयुक्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये। कृषि विभाग एवं उद्यानिकी फसलों पर पड़ने वाले ऋतु के प्रभाव के बारे में किसानों को जागरूक करने, खाद्य विभाग को उचित मूल्य की दुकानों पर पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को जल संकट वाले क्षेत्रों में विशेष रूप से अक्रियाशील हेण्डपंपों की मरम्मत करवाने, ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में जल की कमी का आंकलन तथा पेयजल संकट से निपटने के लिए आवश्यक तैयारी करने के निर्देश दिये गये हैं।

लू के लक्षणः

लू में सिर में भारीपन और दर्द, तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना चक्कर और उल्टी आना तथा शरीर का तापमान अधिक हो जाने के बाद भी पसीने का न आना और अधिक प्यास और पेशाब कम आने की समस्या होती है। लू, तेज धूप और गर्मी में ज्यादा देर तक रहने के कारण शरीर में पानी और खनिज मुख्यतयः नमक की कमी हो जाने से होती है।

लू से बचावः

बहुत अनिवार्य न हो तो घर से बाहर ना निकलें, धूप में निकलने से पहले सिर व कानों को कपडे़ से अच्छी तरह से बांध लें, पानी अधिक मात्रा में पीयें, अधिक पसीना आने की स्थिति में ओ.आर.एस. घोल पीयें, चक्कर आने, उल्टी आने पर छायादार स्थान पर विश्राम करें तथा शीतल पेय जल अथवा जूस, लस्सी, मठा आदि का सेवन करें। लू लगने पर बुखार पीड़ित व्यक्ति के सर पर ठण्डे पानी की पट्टी लगावें, अधिक पानी व पेय पदार्थ पिलाएं पीड़ित व्यक्ति को पंखे के नीचे हवा में लिटा देवें और ओ.आर.एस. का सेवन करें। इसके साथ ही प्रारंभिक सलाह के लिए 104 आरोग्य सेवा केन्द्र से निःशुल्क परामर्श भी ले सकते हैं और उल्टी, सर दर्द, तेज बुखार की दशा में निकट के अस्पताल अथवा स्वास्थ्य केन्द्र जाएं।

 


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *