रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ब्याज दर तय करने वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिवसीय बैठक के नतीजे आज आ जाएंगे. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की तरफ से एमपीसी बैठक के नतीजों के बारे में जानकारी दी जाएगी. सूत्रों का दावा है कि आरबीआई (RBI) की तरफ से इस बार भी रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया जा सकता है. अगर रिजर्व बैंक की तरफ से इस बार रेपो रेट 25 बेसिस प्वाइंट बढ़ाया जाता है तो यह 6.75 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच जाएगा.
होम लोन की ईएमआई बढ़ जाएगी
जानकारों का यह भी मानना है कि इसके साथ ही मई, 2022 से शुरू हुआ ब्याज दर में बढ़ोतरी का सिलसिला अब थम जाएगा. मई से लेकर अब तक रेपो रेट में 2.5 प्रतिशत का इजाफा हो चुका है. इस दौरान रेपो रेट 4 प्रतिशत से बढ़कर 6.5 प्रतिशत पर पहुंच गया है. यह चार साल का उच्चतम स्तर है. रेपो रेट बढ़ने का असर ब्याज दर पर भी दिखाई दे रहा है. आपको बता दें रेपो रेट बढ़ने से होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन सभी तरह के लोन महंगे हो जाते हैं.
पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा आज
आरबीआई की तरफ से वित्तीय वर्ष 2023-24 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा की जाएगी. महंगाई को काबू में करने के लिए केंद्रीय बैंक की तरफ से रेपो रेट में इजाफा किया जा रहा है. वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का मानना है कि रिजर्व बैंक (RBI) को महंगाई को 2-6 प्रतिशत के दायरे में लाने को प्राथमिता देनी चाहिए, भले ही इसमें आर्थिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हो. महंगाई को काबू में लाने के लिए ब्याज दर में इजाफा करना होगा.
महंगाई अभी भी उच्च स्तर पर बनी हुई
एक वरिष्ठ अधिकारी ने जी न्यूज को बताया कि केंद्रीय बैंक को महंगाई से मुकाबला करने पर तब तक ध्यान देना चाहिए, जब तक कि यह 6 प्रतिशत के नीचे न पहुंच जाए. भले ही इससे विकास दर पर असर पड़े. उन्होंने कहा कि महंगाई अभी भी उच्च स्तर पर बनी हुई है, जिसका असर कम आय वाले लोगों पर पड़ सकता है. आपको बता दें रिटेल महंगाई दर फरवरी में मामूली रूप से कम होकर 6.44 प्रतिशत पर पहुंच गई. इससे पहले यह जनवरी में 6.52 प्रतिशत पर थी.
क्या होगा असर?
जानकारों का कहना है कि आरबीआई (RBI) की तरफ से रेपो रेट बढ़ाए जाने का असर बैंकों की ब्याज दर पर पड़ेगा. बैंकों की तरफ से लोन की ब्याज दर पर और एफडी पर मिलने वाली ब्याज दर में इजाफा किया जा सकता है. इससे ग्राहकों की होम लोन की ईएमआई बढ़ जाएगी. इसके अलावा महंगाई के साथ विकास दर में भी गिरावट आ सकती है.
क्या होता है रेपो रेट?
जिस रेट पर आरबीआई की तरफ से बैंकों को लोन दिया जाता है, उसे रेपो रेट कहा जाता है. रेपो रेट बढ़ने का मतलब है कि बैंकों को आरबीआई से महंगे रेट पर कर्ज मिलेगा. इससे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन आदि की ब्याज दर बढ़ जाएगी, जिससे आपकी ईएमआई पर सीधा असर पड़ेगा.