छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले एक बार फिर छत्तीसगढ़ के सभी दिग्गज कांग्रेसी नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है. दिल्ली में आज कांग्रेस हाईकमान के साथ छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेताओं की बड़ी बैठक होनी है. इसके लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिल्ली एक दिन पहले ही पहुंच गए हैं. इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव भी दिल्ली पहुंच गए हैं. इसके बाद राजनीतिक गलियारों में कई तरह को चर्चाएं शुरू हो गई हैं.
दिल्ली पहुंचे छत्तीसगढ़ कांग्रेस के दिग्गज नेता
दरअसल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सोमवार को ही दिल्ली निकल गए थे. सीएम से पहले छत्तीसगढ़ कांग्रेस की प्रभारी कुमारी सैलजा 2 अप्रैल को बिलासपुर में आयोजित कार्यक्रम छोड़कर दिल्ली निकल गई थीं. अब स्वास्थ्य टी एस सिंहदेव के अलावा कई सीनियर लीडर दिल्ली पहुंचे हैं. इसको लेकर कांग्रेस की तरफ से बताया जा रहा है कि ये सामान्य सांगठनिक गतिविधियों का हिस्सा है. लेकिन इस बैठक में 2023 विधानसभा की चर्चा होने पर सहमति जताई है. इसलिए कयासों का बाजार गर्म हो गया है.
कुछ समय पहले ही संगठन में बड़े बदलाव के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संकेत दिए थे. सीएम बघेल के कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की थी. उन्होंने संगठन में बदलाव को लेकर चर्चा भी की थी. इसके बाद से छत्तीसगढ़ कांग्रेस की कमान बदलने की संभावना भी तेज हो गई थी. इसके बाद अब अचानक सभी कांग्रेस के दिग्गज नेता दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं तो माना जा रहा है कि संगठन में बदलाव पर दिल्ली में चर्चा हो सकती है.
कांग्रेस ने कहा- 2023 विधानसभा चुनाव को लेकर हाईकमान के साथ मीटिंग
कांग्रेस नेताओं के दिल्ली प्रवास पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सामान्य सांगठनिक गतिविधियों का हिस्सा है. प्रदेश में 2023 का विधासभा चुनाव नजदीक है. उसके संबंध में भी चर्चा होते रहती है. इसके अलावा भारत सत्याग्रह पूरे देशभर में चलाया जा रहा है. इसके साथ छत्तीसगढ़ में भी चलाया जा रहा है उसके संबंध में भी चर्चा है. कर्नाटक में चुनाव हो रहा है वहां छत्तीसगढ़ कांग्रेस की भूमिका सुनिश्चित करना है. तमाम विषयों पर चर्चा होती है. इसलिए समय समय पर आलाकामन के साथ नेताओं की बैठके भी होती है.
सीएम भूपेश बघेल ने संगठन में बदलाव के संकेत दिए
गौरतलब है कि संगठन में बदलाव को लेकर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं के सूर एक साथ नहीं है. नेताओं में आपसी जुगलबंदी चल रही है. पिछले महीने 10 मार्च मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की थी. इसके बाद उन्होंने संगठन में बदलाव का संकेत दिया था. उन्होंने कहा था कि महा अधिवेशन में सीडब्ल्यूसी का चुनाव होना था. लेकिन सभी सदस्यों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को चुनने का अधिकार दिया जाना चाहिए तो अधिकार अब अध्यक्ष के पास है. निकट भविष्य में सीडब्ल्यूसी के मेंबर के सलेक्शन होने हैं.
एससी, एसटी ,ओबीसी महिला और युवाओं का समावेश होगा. सीएम का कहना है कि इसके लिए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मैंने ही निवेदन किया कि इसको कब तक करेंगे. संगठन में तो होना है, उसके बाद महामंत्री की नियुक्ति होनी है.
संगठन में बदलाव पर टी एस सिंहदेव की अपत्ति
इसके अलावा छत्तीसगढ़ में इसी साल चुनाव होने वाले हैं और चुनाव के ठीक पहले प्रदेश अध्यक्ष बदलने की चर्चा पर स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने अपत्ति जताई थी. उन्होंने कहा था कि इस बार के चुनाव में वरिष्ठ नेता प्रदेश में न सिर्फ दोबारा सरकार बनाने की बात कह रहे हैं, बल्कि 75 पार का दावा भी किया जा रहा है. टी एस सिंहदेव ने कहा कि है यह पार्टी के लिए अच्छी स्थिति है. यदि सब कुछ ठीक ठाक चल रहा है तो मुझे नहीं लगता है कि अभी बदलाव का औचित्य है. हालांकि टी एस सिंहदेव ने ये भी कहा कि ये मामला पार्टी के हाईकमान का है. वह अपने हिसाब से ही निर्णय लेते हैं.