चीता हेलीकॉप्टर क्रैश में दोनों पायलट शहीद, अरुणाचल प्रदेश में हुआ हादसा


Helicopter Crash: पहाड़ियों से घिरे अरुणाचल प्रदेश में अचानक मौसम बदल जाता है। ऐसे में इन इलाकों में हेलीकॉप्टर उडाना आसान नहीं होता।

गुरुवार को हादसे का शिकार हुए भारतीय सेना के चीता हेलीकॉप्टर के दोनों पायलट शहीद हो गये हैं। सेना के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की। बता दें कि अरुणाचल प्रदेश में बोमडिला के पश्चिम में मांडला के पास सेना का एक चीता हेलीकॉप्टर गुरुवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। सेना के अधिकारियों ने बताया कि बोमडिला के पास परिचालन उड़ान भर रहे हेलीकॉप्टर का सुबह 9.15 बजे हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) से संपर्क टूट गया था। उसके बाद खोज एवं बचाव दलों को घटनास्थल पर भेजा गया। लेकिन इलाका इतना घना था कि विजिबिलिटी 5 मीटर से ज्यादा नहीं थी। ऐसे में उन्हें ढूंढने में काफी मुश्किल आई। बाद में जब बचाव दल पहुंचा, तो दोनों पायलट शहीद हो चुके थे।

सेना को मिला मलबा

बोमडिला के पश्चिम में मांडला के पास हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद उसकी तलाश के लिए लिए कई दलों को भेजा गया। भारतीय सेना, एसएसबी और आईटीबीपी के पांच दलों सर्च एंड रेस्क्यू अभियान में शामिल थे। शाम को भारतीय सेना ने बताया कि मंडला के पूर्व में बंगलाजाप गांव के पास विमान का मलबा मिला था। उन्होंने कहा कि हमें खेद के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि हादसे में हेलिकॉप्टर के पायलट लेफ्टिनेंट कर्नल वीवीबी रेड्डी और को-पायलट मेजर जयनाथ ए की जान चली गई। हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए जा रहे हैं।

पहले भी हुए हादसे

बता दें कि मार्च 2022 में जम्मू-कश्मीर में भी चीता का एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था। इस हादसे में दो पायलटों में से एक की मौत हो गई थी जबकि एक को गंभीर चोटें आई थीं। हादसे के लिए खराब मौसम को जिम्मेदार बताया गया था। बता दें कि भारतीय सेना के चीता हेलीकॉप्टरों की गिनती हल्के हेलीकॉप्टरों में होती है। यह एक सिंगल इंजन वाला हेलीकॉप्टर होता है। इस. हेलीकॉप्टर में ग्राउंड प्रॉक्सिमिटी वार्निंग सिस्टम और वेदर रडार जैसे सिस्टम नहीं लगे हैं। यही वजह है कि खराब मौसम में यह हादसे का शिकार हो जाते हैं।

 


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